December 25, 2024

Rescue team: वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने देर रात ग्रामीणों की मदद से मगरमच्छ को पकड़ा

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रतलाम/आलोट,06दिसंबर(इ खबर टुडे)। रविवार शाम को आलोट नगर से करीब चार किलोमीटर दूर ग्राम पाल नगरा के एक खेत के सेड़े पर मगरमच्छ आ गया। इससे गांव में सनसनी फैल गई। आसपास बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए। कुछ देर बाद शोर-शराबा होने व भीड़ होने पर मगरमच्छ पास में स्थित पानी की खाल (नाला) में चला गया। ग्रामीणों ने पानी की मोटरें लगाकर खाल से पानी निकाला। तब वह नाले में एक स्थान पर बैठा दिखा। रतलाम से देर शाम वन विभाग की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और मगरमच्छ को पकड़ लिया। इससे ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। मगरमच्छ को गांधी सागर डैम में छोड़ा जाएगा।

जानकारी के अनुसार उक्त पानी की खाल (नाला) कुछ दूर जाकर क्षिप्रा नदी में मिलता है। वहीं करीब 20 किलोमीटर दूर शिवापरा में चंबल नदी व क्षिप्रा नदी का संगम होता है। जिले की सीमा से लगे मंदसौर जिले में गांधी सागर बांध है, वहां से मगरमच्छ आ जाते हैं। रविवार दोपहर करीब दो बजे किसान दुला निवासी कालाजी का खेड़ा पाल नगरा के गेहूं के खेत के सेड़े पर मगरमच्छ दिखाई दिया। ग्रामीण विक्रम ने बताया कि वह अपने खेत की तरफ जा रहा था तभी नाले के किनारे दुला के खेत के सेड़े पर मगरमच्छ दिखाई दिया तो गांव जाकर लोगों को जानकारी दी। इसके बाद दोपहर तीन बजे आलोट पुलिस को सूचना दी गई। एसआइ पंकज राजपूत व अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे व ग्रामीणों को सुरक्षा की दृष्टि से वहां से दूर किया। कुछ देर बाद मगरमच्छ नाले के पानी में चला गया।

ग्रामीणों ने पानी खाली करने के लिए दो मोटरें लगाई। करीब दो घंटे में काफी मात्रा में नाले का पानी बाहर निकाला गया तो मगरमच्छ एक स्थान पर बैठा दिखा। सूचना मिलने पर वन विभाग के रेस्क्यू अमला मौके पर पहुंचा और उसे पकड़ने की कार्रवाई की। करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद रात करीब साढ़े नौ बजे वन विभाग के रेस्क्यू टीम के प्रभारी शंकरलाल परमार व परिक्षेत्र वन विभाग कमलसिंह की टीम ने नाले (खाल) से मगरमच्छ को जिंदा पकड़ लिया।

पांच माह पहले 17 व 18 जुलाई 2021 की दरमियानी रात चंबल व मलेनी नदी के पास स्थित रिंगनोद थाना क्षेत्र के ग्राम मान्याखेड़ी में मगरमच्छ किसान तुलसीराम पाटीदार के खेत में लकड़ियों के ढेर के पास आकर बैठ गया था। सूचना मिलने पर आधी रात वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर मगरमच्छ को पकड़कर बोरे में बांध दिया था। दूसरे दिन सुबह मगरमच्छ को मंदसौर जिले के गांधीसागर डेम के वन्यप्राणी अभ्यारण क्षेत्र में ले जाकर छोड़ा गया था। मान्याखेड़ी के पास नाला है, जो चंबल व मलेनी नदी से जुड़ा है।

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