कोविड -19 के बाद बाबा श्री महाकाल ने परंपरागत मार्ग से नगर भ्रमण किया
उज्जैन,22 नवंबर (इ खबरटुडे)। कोविड-19 के बाद श्री महाकालेश्वर मंदिर से भगवान श्री महाकालेश्वर की मार्गशीर्ष माह की पहली व कार्तिक- मार्गशीर्ष (अगहन) माह की तीसरी सवारी सोमवार को परंपरागत मार्ग से निकली। सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर स्थित सभामंडप में भगवान श्री महाकालेश्वर के चन्द्र मौलीश्वर स्वरूप का विधिवत पूजन-अर्चन किया गया।
सोमवार को भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी परंपरागत मार्ग से निकाली गई। मंदिर के सभा मंडप में ए.डी.एम. संतोष टैगोर, ए.एस.पी. अम्रेन्द्र सिंह तथा श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड ने भगवान के चंद्रमोलेश्वर स्वरूप का पूजन अर्चन किया। पूजन पं. घनश्याम शर्मा ने संपन्न कराया। पूजन उपरांत भगवान श्री चन्द्र मौलीश्वर रजत पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर प्रजा का हॉल जानने नगर भ्रमण पर निकले। पालकी जैसे ही मुख्य द्वार पर पहुंची सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा भगवान को सलामी (गॉड ऑफ ऑनर) दिया तथा सवारी को नगर भ्रमण की ओर रवाना किया। सवारी अपने परंपरागत मार्ग श्री महाकालेश्वर मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी होते हुए रामघाट पहुंची। वहॉ क्षिप्रा के जल से भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर का अभिषेक उपरांत सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार, होते हुए पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची।उज्जैन की धर्मपरायण जनता ने कोविड – 19 के बाद प्रथम बार बडे ही हर्षोल्लास व उत्साह के साथ सवारी मार्ग में पुष्प अर्पित कर पालकी में विराजित भगवान श्री मौलीश्वर के दर्शन लाभ लिये। भगवान महाकाल की सवारी में आगे-आगे तोपची कडाबीन चलाते हुए नगरवासियों को राजाधिराज बाबा महाकाल के आगमन की सूचना देते हुए चल रहे थे। सवारी में पुलिस बैण्ड , घुडसवार दल, सशस्त्र पुलिस बल के जवान, साथ चल रहे थे। सभी धर्मपरायण जनता बाबा महाकाल का गुणगान करते मंत्र मुग्ध दिखाई दे रही थी। सवारी मार्ग में भगवान श्री महाकाल के जयकारों की गूंज चारों ओर सुनाई दे रही थी। भगवान श्री महाकाल की चौथी (शाही) सवारी 29 नवंबर को निकलेगी।