November 22, 2024

Raag Ratlami Corporation – साहब की सदारत में साख खो रही है शहर सरकार,जोरो पर जारी है सैम्पल लेने का काम……

-तुषार कोठारी

रतलाम। दिवाली का त्यौहार शुरु हो गया है। कोरोना से उबरने के बाद तमाम लोग उत्साहित है। बाजार गुलजार है। ग्र्राहकों की भीड है। खरीददारी हो रही है। दिवाली हर किसी के लिए खुशियों की सौगात लेकर आए ऐसी शुभकामनाएं लोग एक दूसरों को देते है। लेकिन शहर की सरकार को इससे कोई सरोकार नहीं है। कई सारे रेहडी पटरी वाले शहर सरकार की आंखों में चुभ रहे है। उनकी दिवाली कहीं अच्छी ना मन जाए,इसके लिए शहर सरकार का अमला जी जान से जुटा हुआ है।

ये शायद पहला मौका है,जब सारी सख्तियों के लिए दिवाली का ही सीजन चुना गया है। शहर सरकार को पहले तो फूड पार्क बनाने की सूझी,तो स्टेडियम मार्केट के 53 दुकानों के दुकानदारों को नोटिस थमा दिए गए। सार्लो से किराये की ये दुकानें एक से दूसरे को,दूसरे से तीसरे को बिकती रही। शहर सरकार को तब कोई फर्क नहीं पडा। लेकिन दो साल से कोरोना का कहर झेल रहे लोगों को कोरोना से राहत मिली और दिवाली के दिन नजदीक आए,शहर सरकार को अचानक याद आया कि नियमों का उल्लंघन हो रहा है। किराये की दुकानें बेची जा रही है। तडातड नोटिस थमा दिए गए। छोटे छोटे व्यवसाय करने वाले मेहनतकश लोग दिवाली पर होने वाली कमाई भूल कर दुकानों को बचाने की जुगाड में लग गए।

ये काण्ड अभी चल ही रहा था कि शहर सरकार पटरी रेहडी पर हाथठेले लगाकर छोटा मोटा कारोबार करने वालों पर पिल पडी। चाय की गुमटी,पानी पतासे का ठेला,चाट पकौडी वाले ऐसे ना जाने कितने लोगों की दिवाली को काला करने की तैयारी कर ली गई। आज तो दिवाली की शुरुआत हो चुकी है। लेकिन शहर सरकार के कारिन्दों ने आज भी कोई कसर नहीं छोडी। स्टेडियम की सूनी सडक़ पर हाथठेले लगाकर धन्धा करने वालों को खदेड दिया गया। सब्जी बेचने वालों को भी नहीं बख्शा गया। कार्रवाई देखने वाले ये नहीं समझ पा रहे थे कि इस सडक़ पर कौन सा ट्रेफिकजाम हो रहा था। शहर के व्यस्त बाजारों में जहां दिन में कई कई बार ट्रैफिक जाम होता है,वहां दुकानों के बाहर किए गए पक्के अतिक्रमण और सरकारी सडक़ों को अपनी निजी पार्किंग बनाकर बडी बडी गाडियां रखने वालों की तरफ शहर सरकार की नजरे इनायत कभी नहीं होती।

इन दिनों शहर सरकार अनाथ हुई पडी है। प्रथम नागरिक की कुर्सी खाली है और सबकुछ शहर सरकार के बडे साहब के हाथों में है। पूरे शहर की जनता शहर सरकार के बडे साहब को तलाशती रहती है। उनके दफ्तर की कुर्सी भी उनके लिए तरसती रहती है। लेकिन बडे साहब को इससे कोई फर्क नहीं पडता। वे जानते है साहब का साहब कोई नहीं हो सकता।

बडे साहब की सदारत में चल रही शहर सरकार की हरकतों का असर भी नजर आने लगा है। लोगों का भरोसा शहर सरकार पर से उठ चुका है। बडे साहब ने शहर सरकार की खाली पडी इमारतों को बेच बाचकर कमाई बढाने की योजना बनाई। इसके लिए बस स्टैण्ड के पास बने मार्केट को रंग रोगन करके बेचने की तैयारी शुरु की गई। साहब लोगों को उम्मीद थी कि इतनाी प्राइम लोकेशन पर दुकाने लेने वालों की भीड लग जाएगी। मार्केट में टेण्ट तम्बू लगाकर कारिन्दों को भी बैठा दिया गया ताकि कोई पूछताछ करने आए तो उसे पूरे सम्मान के साथ समझाया जाए और दुकान लेने के लिए राजी कर दिया जाए। लेकिन शहर के लोग इतनी प्राइम लोकेशन पर भी दुकान लेने को राजी नहीं है। आनलाइन टेण्डर की तारीखें लगातार बढाई जा रही है। लेकिन कोई आने को राजी ही नहीं है। जानकार बताते है कि अब लोगों को शहर सरकार पर भरोसा नहीं रहा। लोग जानते है कि दुकान शहर सरकार की है। लाखों रुपए खर्च करके दुकान ले भी ली,तो पता नहीं कब शहर सरकार के कारिन्दे दुकान खाली कराने का नोटिस थमा देंगे? स्टेडियम मार्केट की कहानी सबकी नजरों में है। कुल मिलाकर बडे साहब की सदारत में शहर सरकार अपनी साख को खोती जा रही है। अब पता नहीं कब इसकी साख वापस आएगी?

जोरो पर जारी है सैम्पल लेने का काम……

यूं तो सरकार के दर्जनों महकमे है,जो लगातार कुछ ना कुछ करते रहते है,लेकिन एक महकमा ऐसा है,जो साल भर तो कहीं नजर नहीं आता,लैकिन दिवाली पर इसकी सक्रियता देखते ही बनती है। इस महकमे का काम खाद्य पदार्थों की क्वालिटी पर रखने का है। ये ऐसा काम है,जो साल भर जारी रहना चाहिए,लेकिन महकमे के अफसरान केवल दिवाली पर ही अपनी सक्रियता दिखाते है। महकमे का दफ्तर छोटे से दो कमरों में सिमटा हुआ है और महकमें के पास पर्याप्त स्टाफ भी नहीं है। लेकिन कम संसाधनों के बावजूद दिवाली पर महकमे के साहब को दफ्तर में तलाश पाना मुश्किल है। साहब और स्टाफ सारा दिन अलग अलग दुकानों से सैम्पल कलेक्ट करते रहते है। मजेदार बात ये है कि सूबे में सैम्पल टेस्टिंग की लैब भी इकलौती ही है,जहां ज्यादा तादाद में सैम्पलों की टेस्टिंग संभव ही नही। इसके बावजूद रोजाना सैम्पल लिए जाते है। जिनके सैम्पल लिए जाते है,उन्हे भी पता है कि लैब में टेस्टिंग होने वाली नहीं है। सैम्पल लेने वाले साहब नाराज ना हो बस इसका ध्यान रखना पडता है। बहरहाल सैम्पल लेने का काम जोरो पर जारी है।

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