October 13, 2024

Mahakal Income : भक्तों के लिए पट खुलते ही 110 दिन में महाकाल में लक्ष्मी वर्षा, 23 करोड़ से अधिक की आय

उज्जैन,17 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। कोरोना काल के बाद भक्तों के लिए श्री महाकालेश्वर मंदिर के पट खुलते ही लक्ष्मी वर्षा हुई है। भक्तों ने यहां आकर जमकर दान किया है। बीते 110 दिन में मंदिर के खजाने में 23 करोड़ रुपये से अधिक जमा हुए है। ये लक्ष्मी वर्षा लडडू प्रसाद, शीघ्र दर्शन टिकट, भेंट पेटी, भस्म आरती बुकिंग सहित अन्य प्रकल्प से प्राप्त हुई है।

विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर कोरोना लॉकडाउन के बाद 28 जून को श्रद्धालुओं के लिए खोला गया था। इन 3 महीने और 17 दिन के समय में देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं ने दिल खोलकर बाबा महाकाल के खजाने में दान किया और 23 करोड़ रुपए से अधिक की दान राशि जमा कर दी है। दान पेटी से विदेशी मुद्रा भी निकली है और विदेशों से ऑनलाइन दान भी मिला है। 11 सितंबर से आम श्रद्धालुओं के लिए भस्म आरती में प्रवेश शुरू हुआ। मंदिर में श्रद्धालु को प्रवेश देने व भस्म आरती में प्रवेश होने के बाद श्रद्धालुओं ने भी मुक्त हस्त से दान दिया। महाकाल मंदिर में 17 माह तक भस्म आरती में भक्तों के प्रवेश प्रतिबन्ध के बाद 11 सितंबर से दर्शनार्थियों को आरती में प्रवेश मिलने लगा। साथ ही 76 दिन बाद 28 जून से महाकाल मंदिर में दर्शन व्यवस्था दोबारा प्रारम्भ हुई थी। 17 मार्च 2020 से भस्म आरती में आम श्रद्धालुओ का प्रवेश पर प्रतिबन्ध लगा हुआ था। जिसके बाद से ही मंदिर के कर्मचारियों को मिलने वाला वेतन निकालने के लिए मंदिर की जमा पूंजी से वेतन बांटा जा रहा था। मंदिर खुलते ही मात्र 3 महीने में कुल आय 23 करोड़ पहुंच गयी।

ऐसे हुई 23 करोड़ की आय

28 जून से 15 अक्टूबर तक 3 महीने 17 दिन यानी कुल 110 दिनों के दौरान भगवान महाकाल के खजाने में लड्डू प्रसाद, शीघ्र दर्शन टिकट, मंदिर परिसर में विभिन्न दान पेटियां, अभिषेक, भेंट से प्राप्त राशि, भस्म आरती बुकिंग एवं अन्य विविध आय, ध्वजा व श्रृंगार के माध्यम से करीब 23 करोड़ 3 लाख 54 हजार 538 रुपए की आय हुई है।

माध्यम कुल आय

लड्डू प्रसाद – 8 करोड़ 20 लाख 54 हजार 750 रुपए
शीघ्र दर्शन टिकट – 7 करोड 53 लाख 25 हजार 250 रुपए ,
भेंट पेटी से आय – 5 करोड़ 66 लाख 12 हजार 384 रुपए ,
अभिषेक एवं भेंट – 92 लाख 130 रुपए
भस्म आरती बुकिंग- 34 लाख 70 हजार 180 रुपए ,
अन्न क्षेत्र भेंट – 5 लाख 87 हजार 116 रुपए
ध्वजा एवं बुकिंग – 2 लाख 27 हजार 700 रुपए
अन्य विविध – 28 लाख 77 हजार 28 रुपए
कुल आय- 23 करोड़,03 लाख 54, हजार 538

शीघ्र दर्शन से साढ़े सात करोड़ की आय

शीघ्र दर्शन से भी खासी कमाई मंदिर को हुई है। जिसमे 7 करोड़ 53 लाख 25 हजार 250 रुपए की आय हुई है। भस्म आरती में एक दिन में 1 हजार श्रद्धालुओं को अनुमति मिल रही है, जिसमें ऑनलाइन परमिशन वाले श्रद्धालु को 100 रुपए और ऑफ लाइन परमिशन वाले श्रद्धालु को 200 रुपए शुल्क दान के रूप में लग रहा है। सामान्य दर्शन नि:शुल्क है। प्रोटोकॉल से दर्शन के लिए 100 रुपए प्रति दर्शनार्थी शुल्क दान के रूप में लिया जा रहा है।

  • इसे पुरी तरह आय कहना गलत होगा। मंदिर प्रबंध समिति पंडितों की बैठक वाली दानपेटी की आय से उन्हें 35 प्रतिशत देती है। अभिषेक की राशि का 75 प्रतिशत पंडितों को दिया जाता है। लड्डू प्रसादी नो लास नो प्राफिट में चलने वाला प्रकल्प है।

-मूलचंद जूनवाल
सहायक प्रशासक एवं तहसीलदार
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति,उज्जैन

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