Flood Affected Survey : वर्षा से प्रभावित शहर के 93 परिवारों के बैंक खातों में मंगलवार को राहत राशि पहुंच जाएगी,कलेक्टर ने ली समीक्षा बैठक
रतलाम 20 सितम्बर( इ खबर टुडे)। शहर में गत दिवस भारी वर्षा से प्रभावित परिवारों का सर्वेक्षण सोमवार को पूर्ण कर लिया गया। बताया गया कि सर्वेक्षण अनुसार वर्षा से 195 परिवार प्रभावित हुए हैं। इनमें से चार के मकान गंभीर क्षतिग्रस्त हुए हैं, 9 परिवारों के मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा 182 मकानों में पानी घुसने की जानकारी मिली है जिनका सुव्यवस्थित आकलन समय सीमा में कर लिया जाएगा। इनमें से 93 परिवारों के बैंक खातों में मंगलवार को राहत राशि पहुंच जाएगी। उक्त जानकारी सोमवार शाम संपन्न समयावधि पत्रों की समीक्षा बैठक में दी गई। कलेक्टर ने सिटी एसडीएम तथा तहसीलदार को निर्देश दिए कि कोई भी प्रभावित परिवार राहत राशि से वंचित नहीं रहे, यह सुनिश्चित किया जाए। बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिड़े, अपर कलेक्टर एम.एल. आर्य तथा जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
कृषि विभाग सहित कई विभागों की ढीली-ढाली कार्यप्रणाली पर कलेक्टर ने जताई सख्त नाराजगी
बैठक में समीक्षा के दौरान कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम द्वारा कई विभागो की ढीली-ढाली कार्यप्रणाली पर सख्त नाराजगी व्यक्त की गई और कार्यप्रणाली में सुधार के लिए सख्ती से निर्देशित किया गया। इनमें कृषि विभाग के उपसंचालक के प्रति अप्रसन्नता व्यक्त की गई। इसके अलावा सहकारिता विभाग, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, शिक्षा विभाग, ट्राईबल, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, पीआईयू, जनपद पंचायत बाजना, सैलाना के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, नगर निगम रतलाम, डीपीसी को भी कार्यप्रणाली में सुधार लाने के लिए निर्देशित किया गया।।
एक जिला एक उत्पाद के तहत 10 औद्योगिक इकाइयां आरंभ होंगी
बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री की मंशानुसार एक जिला एक उत्पाद कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन हेतु संबंधित अधिकारी सक्रियता के साथ कार्य करें। जिले में लहसुन तथा रतलामी नमकीन को एक जिला एक उत्पाद योजना में सम्मिलित किया गया है। आगामी 1 नवंबर को लहसुन तथा रतलामी नमकीन की 5-5 नवीन औद्योगिक इकाइयां आरंभ कर दी जाएगी। इसके लिए अभी से संबंधित उद्यानिकी तथा जिला उद्योग विभाग कार्यालय काम शुरू कर दें।
सैलाना तथा बाजना के प्रत्येक आदिवासी परिवार के खेत में मनरेगा से काम होगा
बैठक में कलेक्टर श्री पुरुषोत्तम ने सीईओ जिला पंचायत को निर्देश दिए कि सैलाना तथा बाजना के प्रत्येक आदिवासी परिवारों के खेतों में मनरेगा योजना से कम से कम एक कार्य किया जाए जिससे उनका आर्थिक उत्थान हो, जीवन स्तर ऊंचा उठे। इसके लिए अति शीघ्र कार्य योजना प्रस्तुत करने के निर्देश कलेक्टर ने दिए। कलेक्टर ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि मनरेगा में कोई भ्रष्टाचार नहीं हो, मशीन से कार्य तथा मानव श्रम शासन द्वारा निर्धारित अनुपात में आयोजित हो।
जल जीवन मिशन की खराब गुणवत्ता पर सख्त नाराजगी
बैठक में कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम द्वारा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की समीक्षा करते हुए जल जीवन मिशन के विभिन्न कार्यों में खराब गुणवत्ता पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए कार्यपालन यंत्री को चेतावनी दी। कलेक्टर ने कहा कि मिशन में कई कार्यों की गुणवत्ता खराब है, आपको अंतिम चेतावनी दी जा रही है। यदि सुधार नहीं किया गया तो सख्त एक्शन ली जाएगी, शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी। इसी तरह की चेतावनी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के महाप्रबंधक को भी काम सुधारने के लिए दी गई।
वनाधिकार अधिनियम के हितग्राहियों की पोर्टल पर एंट्री समय सीमा में क्यों नहीं
बैठक में कलेक्टर द्वारा जिले के बाजना तथा सैलाना क्षेत्रों के वनाधिकार अधिनियम से लाभान्वित आदिवासी हितग्राहियों की जानकारी ली गई। उक्त हितग्राहियों की एंट्री पोर्टल पर की जाना थी जो समय सीमा में बाजना तथा सैलाना जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों द्वारा नहीं कराई गई। इस पर कलेक्टर ने दोनों अधिकारियों के प्रति सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देशित किया कि यह गंभीर लापरवाही है। शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता की योजना है। अब तय सीमा में एंट्री सुनिश्चित की जाए। जनपद पंचायतों को निर्देश दिए गए की मनरेगा में किसी भी तरह के भ्रष्टाचार नहीं हो, यह ताकिद पंचायत सचिवों को भी कर दी जाए। बुधवार को ग्रामीण क्षेत्र का दौरा किया जाएगा, जहां कमी पाई जाएगी या शिकायत पाई जाएगी तो ग्राम पंचायत सचिव के अलावा संबंधित इंजीनियर, रोजगार सहायक एवं जनपद पंचायत सीईओ को भी जिम्मेदार ठहराकर कार्रवाई की जाएगी।
जल जीवन मिशन में खुदाई के पश्चात रिस्टोर क्यों नहीं
कलेक्टर ने जल जीवन मिशन की समीक्षा के दौरान कार्यपालन यंत्री पीएचई के प्रति सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जल जीवन मिशन में योजना के तहत गांव में खुदाई कार्य के पश्चात रिस्टोर क्यों नहीं किया जा रहा है जबकि यह शासन द्वारा निर्देशित है। कार्यपालन यंत्री को निर्देशित किया कि संबंधित ठेकेदारों पर कार्रवाई की जाए अन्यथा प्रशासन एफआईआर दर्ज करवाएगा। सभी एसडीएम को भी निर्देशित किया कि जल जीवन मिशन के कार्यों को चेक किया जाए।
सभी एसडीएम सप्ताह में 2 दिन क्षेत्र का भ्रमण करें
कलेक्टर ने जिले के सभी एसडीएम को निर्देशित किया कि वे सप्ताह में 2 दिन अपने क्षेत्र का भ्रमण करें। आम आदमी की समस्याओं को सुलझाएं, उनकी कठिनाइयों का निराकरण करें। कलेक्टर ने कहा कि राजस्व विभाग में पिपलोदा से सबसे ज्यादा राजस्व संबंधी शिकायतें आती हैं। सभी तहसीलदार, नायब तहसीलदार यह ध्यान रखें कि शोकाज नोटिस देने के बाद उनके विरुद्ध दोबारा शिकायत आने पर विभागीय जांच स्थापित की जाएगी, ऐसी स्थिति में वे अपने प्रमोशन भूल जाएं।
शिक्षा विभाग से जीपीएफ, पार्ट फाइनल राशि आहरण में शिकायत नहीं आए
शिक्षा विभाग की भी कलेक्टर ने समीक्षा की। जिला शिक्षा अधिकारी के प्रति सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए कलेक्टर ने कहा कि आपके यहां से कर्मचारियों, शिक्षकों को पार्ट फाइनल या जीपीएफ राशि आहरण कराने में परेशानी क्यों आ रही है। आपको 4 माह पूर्व चेताया था परंतु कार्य प्रणाली में सुधार नहीं हुआ है। कलेक्टर ने शिक्षा विभाग के अधिकारी को चेतावनी दी कि अब एक भी शिकायत आती है तो शासन को रिपोर्ट प्रेषित की जाएगी। इसी प्रकार जिला पेंशन अधिकारी को भी यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि अनावश्यक रूप से किसी भी कर्मचारी का प्रकरण लंबित नहीं रखा जाए अन्यथा कार्रवाई की जाएगी।
जिला चिकित्सालय से आई शिकायत पर गंभीर हुए कलेक्टर
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि जिला चिकित्सालय से शिकायत आई है कि किसी व्यक्ति के टांके काटने से संबंधित डॉक्टर द्वारा मना कर दिया गया। मेरे पास वह व्यक्ति आया तब उसका काम हुआ जो बहुत दुखद और चिंतनीय है। पता चला कि टांके काटने के पैसे मांगे गए। कलेक्टर ने इस संबंध में सख्त एक्शन लेने के निर्देश डिप्टी कलेक्टर सुश्री शिराली जैन को दिए। साथ ही सिविल सर्जन को निर्देशित किया गया कि जिला चिकित्सालय के संबंध में पुनः शिकायत नहीं आए, यह सुनिश्चित करें। बैठक में कलेक्टर द्वारा महिला बाल विकास विभाग को कुपोषण के विरुद्ध कार्य योजना तैयार करने, आईटीआई प्राचार्य को चालू माह सितंबर में एक बड़ा रोजगार मेला आयोजित करने, डीपीसी को स्कूलों का नियमित निरीक्षण करने, स्कूलों के कैंपस में जरूरत के अनुसार सुधार करके सुंदर स्वरूप देने के निर्देश दिए।