Raag Ratlami Heavy Rain : बप्पा की बिदाई के दिन बरपा बारिश का कहर,जलजमाव की समस्या का नहीं है कोई हल
-तुषार कोठारी
रतलाम। गणपति बप्पा ने अपनी बिदाई वाले दिन रतलामी बन्दों को बारिश के वो नजारे दिखा दिए जो इस पूरे सीजन में देखने को नहीं मिले थे। कोरोना के चक्कर में दो साल से बप्पा की बिदाई पर निकलने वाली झांकियां और जुलूस बन्द है,लेकिन इस साल बप्पा की मेहरबानी से बिदाई वाले दिन इतना झमाझम हुआ कि झाकियों की बात ही लोग भूल गए। जिनके घरों में पानी घुस गया,वे निकालने की जुगत में लगे रहे। जिनके घरों में कोई समस्या नहीं थी,वे बारिश के नजारे देखने में बिजी हो गए। जिन लोगों ने नक्शे की पार्किंग को गोदाम या दुकानों में बदल लिया है,उन सब ने इस पानी का भरपूर मजा लिया।
लोगों ने दो बत्ती से न्यूरोड पर नदी बहते हुए देखी। ऐसा मौका लम्बे वक्त के बाद आया। इसी रोड पर बडे बडे शो रुम और शापिंग माल है। न्यूरोड के शापिंग माल और शोरुम वाले बडे ही विद्वान है। उन्होने नगर निगम ने नक्शा पास करवाते वक्त तो बेसमेन्ट में पार्किंग बनाई थी,लेकिन जब बिल्डिंग बनी,तो पता चला कि पार्किंग गायब हो गई। पार्किंग की जगह पर गोदाम बन गए। न्यूरोड पर बहती नदी ने इन सारे विद्वानों को भरपूर सबक सिखाया। बारिश की बाढ से जब सडक़ डूब रही थी,तो बेसमेन्ट की हालत तो खराब होना ही थी। बेसमेन्ट के गोदामों में रखा सामान तैरने लगा।
लेकिन इसके साथ कुछ ऐसे लोग भी परेशान हुए जिनका कोई कसूर नहीं था। पुलिस लाइन वाले तमाम बाशिन्दों के घर में पानी घुसा। बरसाती पानी ने अफसरों को भी नहीं बख्शा। सभी के घरों में पानी ने हाहाकार मचा दिया।
जिन्हे हर बार ये परेशानी झेलना पडती है,उनके मन में हर बार ये सवाल भी खडा होता है कि इसका कभी कोई हल होगा या नही? शहर के कई सारे हिस्से बारिश के पानी की मार झेलते है। घरों में पानी घुस जाता है। कुछ वक्त के बाद पानी उतर भी जाता है। सवाल खडा होकर खडा ही रह जाता है। इस सवाल का जवाब आज तक तो सामने आया नहीं कि कब तक लोगों के घरों में पानी घुसता रहेगा। जलजमाव का झंझट कब खत्म होगा?
इस सवाल का जवाब देने की जिम्मेदारी शहर सरकार पर है। लेकिन शहर सरकार के सरकारी मालिक किसी को जवाब देते नहीं। बडे साहब को तो लोग ढूंढ ही नहीं पाते। बडे साहब दफ्तर में कभी नजर नहीं आते। उनका दफ्तर हमेशा उनकी राह देखता रहता है। साहब को मीटींग भी करना होती है,तो निगम को छोडकर कहीं और करते है,ताकि जनता उन्हे पकड ना पाए। कुल मिलाकर शहर की सडक़ों पर जल जमाव और घरों में पानी घुसने का मामला इसी तरह चलता रहेगा।
पंजा पार्टी की सक्रियता
भारी बारिश के इस दौर में जहां फूल छाप वाले कहीं सक्रिय नजर नहीं आए,लेकिन पंजा पार्टी के भैया ने शहर के कई ईलाकों का दौरा कर डाला। पंजा पार्टी की ऐसी सक्रियता कम ही नजर आती है। पंजा पार्टी ने कई निचली बस्तियों में दौरा किया। जिनके घरों में पानी घुसने से नुकसान हुआ है,उनसे हमदर्दी भी जताई। पंजा पार्टी ने जिले के इंतजामियां से मांग की है कि बारिश से प्रभावित लोगों का सर्वे करके उन्हे मुआवजा दिया जाए। बारिश से परेशान लोगों को उम्मीद है कि पंजा पार्टी वाले आगे तक उनका साथ निभाएंगे और अगर सरकार ने मुआवजा ना दिया तो पंजा पार्टी वाले उनकी लडाई लडेंगे। पंजा पार्टी इस मुद्दे पर कब तक सक्रिय रहती है,ये देखने वाली बात है।