सुनीता और प्रेमलता में होगी महापौर पद की जंग
भाजपा के टिकट की जंग जीती डॉ.सुनीता यार्दे ने
रतलाम,11 नवंबर (इ खबरटुडे)। महापौर पद के टिकट के लिए भाजपा में पिछले तीन दिनों से चल रहे संघर्ष में आखिरकार राजनीति से दूर रही डॉ.सुनीता यार्दे ने बाजी मार ली है। महापौर पद के लिए अब भाजपा की सुनीता और कांग्रेस की प्रेमलता में जंग होगी। भाजपा के वार्ड पार्षदों की सूचि अबतक जारी नहीं हुई है। यह शायद पहला मौका है,जब महापौर प्रत्याशी की घोषणा पार्षदों के पहले हुई।
महापौर पद के टिकट के लिए दोनो ही पार्टियों में जोरदार जद्दोजहद चल रही थी। कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा तो सोमवार देर रात हो गई थी,लेकिन भाजपा प्रत्याशी की घोषणा को लेकर जबर्दस्त खींचतान शाम तक चलती रही। भाजपा में महापौर पद के लिए आखरी समय में अनिता निर्मल कटारिया और डॉ सुनीता उदय यार्दे में प्रतिस्पर्धा चल रही थी। लेकिन आखरी राउण्ड में राजनीति से अब तक दूर रही डॉ.सुनीता यार्दे ने बाजी मार ली।
भाजपा से डॉ.सुनीता यार्दे की उम्मीदवारी को आरएसएस के हस्तक्षेप से जोड कर देखा जा रहा है। जानकार सूत्रों के मुताबिक यार्दे परिवार कई दशकों से आरएसएस से जुडा परिवार है। डॉ उदय यार्दे वनवासी कल्याण परिषद के सक्रिय पदाधिकारी है और वनवासी क्षेत्रों में लम्बे समय से चिकित्सकीय सेवाएं दे रहे है। डॉ.श्रीमती सुनीता यार्दे की उम्मीदवारी को संघ के स्थानीय पदाधिकारियों का भी समर्थन प्राप्त था। डॉ.यार्दे राजनीति से दूर रहने के कारण निर्विवाद छबि की है। इसके साथ ही वरिष्ठ नेता हिम्मत कोठारी भी श्रीमती यार्दे को टिकट दिलाने के पक्ष में थे। जबकि शहर विधायक चैतन्य काश्यप मधु मनोहर पोरवाल या अनिता कटारिया को टिकट दिलाने का प्रयास कर रहे थे। डॉ यार्दे की उम्मीदवारी तय हो जाने को हिम्मत कोठारी की जीत के रुप में भी देखा जा रहा है। शहर विधायक के संभागीय चयन समिति में सदस्य होने के बावजूद महापौर पद पर डॉ.सुनीता यार्दे की उम्मीदवारी तय हो जाना शहर विधायक के लिए तगडे झटके के समान है।
पार्षद सूचि का इंतजार
समाचार लिखे जाने तक भाजपा पार्षदों की सूचि तय नहीं हो पाई थी। अंतिम समाचार मिलने तक उज्जैन में संभागीय चयन समिति की बैठक चल रही थी। भाजपा सूत्रों के मुताबिक देर शाम तक सूचि घोषित कर दी जाएगी। यह शायद पहला मौका है,जब पार्षदों से पहले महापौर प्रत्याशी का चयन कर लिया गया है।