Taliban threat:अफगानिस्तान में किसी दूतावास या राजनयिक को नहीं बनाएंगे निशाना,तालिबान ने की भारत की तारीफ
अफगानिस्तान,14 अगस्त (इ खबरटुडे)। अफगानिस्तान में जारी हिंसा के बीच तालिबान ने कहा है कि वो अफगानिस्तान में किसी दूतावास या राजनयिक को निशाना नहीं बनाएगा। अफगानिस्तान में तालिबान का खतरा बढ़ता जा रहा है। आतंकी संगठन ने एक-एक कर कई प्रांतों पर कब्जा कर लिया है और अब वह राष्ट्रीय राजधानी काबुल से महज 80 किमी दूर है। इस बीच, तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल शाहिन ने एएनआई से बात की है। सुहैल ने कहा है कि अलग-अलग देशों के दूतावासों को डरने या घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि तालिबान इन्हें निशाना नहीं बनाएंगे। संगठन पहले भी यह बात कई बार कर चुका है।
प्रवक्ता के मुताबिक, वह भारतीय नागरिकों को निशाना नहीं पहुंचाएगाष वहीं भारत द्वारा किए गए विकास कार्यों पर तालिबान ने कहा है कि हम उन सभी कामों सराहना करते हैं जो अफगानिस्तान के लोगों के लिए किए गए हैं जैसे बांध, राष्ट्रीय और बुनियादी ढांचा से जुड़ीं परियोजनाएं और वो सब कुछ जो अफगानिस्तान के विकास, पुनर्निर्माण और लोगों की आर्थिक समृद्धि के लिए किया गया है। बता दें, भारत ने अफगानिस्तान में ऐसे कई प्रोजेक्ट्स पर काम किया है। भारत द्वारा बनाए जा रहे ऐसे ही एक बांध पर दो भारतीय नागरिक फंस गए थे, जिन्हें एयरलिफ्ट किया गया।
दूतावासों खतरा नहीं: मोहम्मद सुहैल शाहिन ने कहा, हमारी तरफ से दूतावासों और राजनयिकों को कोई खतरा नहीं है। हम किसी दूतावास या राजनयिक को निशाना नहीं बनाएंगे। हमने अपने बयानों में कई बार ऐसा कहा है। यह हमारी प्रतिबद्धता है। वहीं पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से संबंध रखने के आरोप पर प्रवक्ता ने कहा कि यह सरासर गलत और राजनीति से प्रेरित आरोप है।
महिलाओं को अधिकार दे सकता है तालिबान
जैसे-जैसे तालिबान फैल रहा है, ऐसे संकेत हैं कि आतंकवादी समूह महिलाओं को काम करने की इजाजत देने के अपने वादे पर कामय रहेगा। तालिबा ने 1996 से 2001 के बीच अफगानिस्तान पर शासन किया था और सख्त इस्लामी कानून लागू किए थे और महिलाओं को काम करने से रोक दिया था। बहलहाल, हाल के दिनों में संगठन ने बार-बार कहा है कि काबुल में सत्ता में लौटने पर महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की जाएगी। यानी महिलाओं को पढ़ने और कामकाज की अनुमति दी जा सकती है।