PIL Against Mamta : चुनाव हारने के बाद ममता को मुख्यमंत्री बनाये जाने के खिलाफ की गई शिकायत, सुप्रीम कोर्ट द्वारा जनहित याचिका के रूप में दर्ज
रतलाम,28 जुलाई (इ खबरटुडे)। विधानसभा चुनाव में पराजित होने के बाद भी ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई जाना असंवैधानिक है। रतलाम के युवा अधिवक्ता प्रशांत ग्वालियरी द्वारा इ-मेल से भेजी गई इस आशय की शिकायत को सर्वोच्च न्यायलय ने जनहित याचिका के रूप में दर्ज कर लिया है।
उल्लेखनीय है कि दिनांक 5 मई 2021 को पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी,जबकि वह नंदीग्राम में विधानसभा का चुनाव हार चुकी थी । रतलाम के युवा एडवोकेट प्रशांत ग्वालियरी ने इस शपथ ग्रहण को असंवैधानिक बताते हुए माननीय सुप्रीम कोर्ट को ईमेल के माध्यम से दिनांक 16.06.21 को शिकायत प्रेषित की थी । माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा संबंधित शिकायत को जनहित याचिका (Public Interest Litigation PIL ) के रूप में नंबर No.61873/SCI/PIL/2021 पर दर्ज किया गया ।
अधिवक्ता प्रशांत ग्वालियरी द्वारा प्रेषित की गई शिकायत में बताया गया था कि ममता बनर्जी को आर्टिकल 164 (4) भारतीय संविधान के अंतर्गत शपथ दिलवाई गई है , जबकि 164 (4) में मंत्री की नियुक्ति संबंधी प्रावधान है न कि मुख्यमंत्री का। संपूर्ण प्रक्रिया को दूषित कर चुनाव हार जाने के बाद भी असंवैधानिक रूप से ममता बैनर्जी को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलवाई गई ।
श्री ग्वालियरी ने अपनी शिकायत में कहा कि एक और नागरिकों को नोटा के माध्यम से राइट टू रिजेक्ट संबंधी अधिकार की दिशा में आगे बढ़ाया जा रहा है दूसरी ओर रिजेक्ट किए हुए प्रत्याशी को आर्टिकल 164 (4) का दुरुपयोग कर कर मुख्यमंत्री की शपथ दिलवाई जा रही है। यह सीधे तौर पर निर्वाचन संबंधी प्रक्रिया का , लोकतांत्रिक प्रक्रिया का मजाक उड़ाना है !
नागरिकों द्वारा जिस प्रत्याशी को मतदान का प्रयोग कर हरा दिया गया है,आर्टिकल 164 (,4) का अनुचित प्रयोग कर कर उसे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलवाई जाना संविधान का ,लोकतंत्र का तथा जनता के निर्वाचन संबंधी अधिकार का अपमान है । यह वोट के अधिकार द्वारा चुनने की शक्ति को कमजोर करता है ।श्री ग्वालियरी ने अपनी शिकायत में आर्टिकल 164 (4) में यह संशोधन किए जाने की आवश्यकता बताई कि हारे हुए प्रत्याशी को मुख्यमंत्री या मंत्री पद की शपथ नहीं दिलवाई जाये ,इससे जनता के निर्वाचन संबंधी अधिकार , वोट के अधिकार को मजबूती मिलेगी ।
उन्होंने माननीय सर्वोच्च न्यायलय से इस संबंध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्वाचन को शून्य घोषित किए जाने तथा आवश्यक दिशा निर्देश दिए जाने की मांग की थी।
श्री ग्वालियरी को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से एसएमएस द्वारा सुचना प्राप्त हुई कि उनकी शिकायत को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जनहित याचिका के रूप दर्ज कर लिया गया है।