November 24, 2024

इस्लाम की पढाई के नाम पर बच्चों के साथ अत्याचार

अपने घर से हजारों किमी दूर लाया गया था नन्हे बच्चों को

रतलाम,30 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। इस्लाम की शिक्षा देने के लिए नन्हे नन्हे बच्चों को उनके माता पिता और घर से हजारों किमी दूर ले जाकर रखा जाता है और इस्लाम की शिक्षा के नाम पर बच्चों पर अत्याचार भी किए जाते है। आगे चलकर संभवत: यही बच्चे कट्टरपंथी बनते है और शांति व्यवस्था के लिए खतरा बन जाते है।
इस्लामी शिक्षा की आड में चल रहे इस खतरनाक खेल का खुलासा तब हुआ,जब रेलवे सुरक्षा बल ने मदरसों में हो रहे अत्याचार से पीडीत होकर घर भाग रहे नन्हे बच्चों को ट्रेन में पकडा। इन नन्हे मासूमों की दर्दनाक कहानियां सुनकर हर कोई द्रवित हो उठा।
यह सनसनीखेज कहानी तब खुली जब गुरुवार को देहरादून एक्सप्रेस में ड्यूटी कर रहे रेलवे सुरक्षा बल के जवानों ने मेघनगर स्टेशन पर इस्लामी टोपी लगाए नौ नन्हे बच्चों को देखा। ये सभी बच्चे बिना टिकट यात्रा कर रहे थे। नन्हे बच्चों के संदिग्ध व्यवहार को देखते हुए आरपीफ जवानों ने इन्हे अपने संरक्षण में ले लिया और इन्हे लेकर रतलाम आरपीएफ थाने पर ले आए। सभी नौ बच्चों की आयु 06 वर्ष से 12 वर्ष के बीच थी।darululum2 darululum3
आरपीएफ थाने पर जब इन बच्चों से पूछताछ की गई तो रोंगटे खडे कर देने वाली कहानी सामने आई। नन्हे बच्चों ने बताया कि वे बिहार के ग्राम बिजलपुर थाना बिहरा जिला सहरसा के रहने वाले है। उनके माता पिता ने उन्हे इस्लाम की तालीम लेने के लिए घर से हजारों किमी दूर गुजरात के भडूच जिले में स्थित दारुल उलूम अरेबिया इस्लामिया भाडूच मेहमूद नगर कन्थारिया में भेज दिया था। ये बच्चे पिछले करीब दो साल से इसी मदरसे में रह रहे थे। इस मदरसे में उन्हे उर्दू,अरबी और कुरआन की तालीम देने के साथ साथ जेहाद आदि की तालीम भी दी जाती थी। दीनी तालीम के साथ साथ इन बच्चों से कई तरह के काम करवाए जाते थे। इतना ही नहीं इन बच्चों को भरपेट भोजन भी नहीं दिया जाता था। बच्चों के साथ मारपीट करना,उन्हे भूखा रखना और कडी मेहनत के काम कराना जैसी बातें आम बात थी। मदरसे के अत्याचारों से परेशान होकर इन बच्चों ने अपने घर भागने की योजना बनाई और जैसे तैसे इस गाडी में सवार हो गए। वे नन्हे बच्चे इतना भी नहीं जानते थे कि यह गाडी कौनसी है और कहां पंहुचेगी।
बच्चों ने पूछताछ के दौरान अपने नाम भी बताए। इनमें मोहम्मद मेहराज 12,मो.शमशीर 10,मो.इरशाद 10,मो.मुफिल 12,मो.असलम 09,मो.अबूकेशर 07,मो.मंजूर 06,मो.अरशद 10 और मो.ताहिर 12 शामिल है। ये बच्चे अपने साथ बैग लिए हुए थे। इनके पास इनकी संस्था द्वारा जारी परिचय पत्र भी थे। आरपीएफ ने इन बच्चों को फिलहाल चाइल्ड लाइन को सौंपा है। चाइल्ड लाइन द्वारा बच्चों की काउन्सिलिंग की जा रही है।

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