Guidline/गणेश मूर्ती 4 फीट से ज्यादा लंबी नहीं,जुलूस पर पाबंदी,महाराष्ट्र सरकार की गाइडलाइन जारी
पुणे,30 जून (इ खबर टुडे )। महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को 10 सितंबर से शुरू हो रहे गणेश उत्सव के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है। गाइडलाइन में साफ कहा गया है कि घरों में रखी जाने वाली गणेश जी की मूर्ति 2 फीट से ज्यादा लंबी नहीं होगी, जबकि सार्वजनिक स्थानों में रखी जाने वाली मूर्ती 4 फीट से ज्यादा लंबी नहीं होगी।
महाराष्ट्र सरकार ने सभी संगठनों से कहा है कि सादगीपूर्ण तरीके से गणपति महोत्सव का आयोजन किया जाना चाहिए। कोरोना महामारी के चलते पिछले साल की तरह इस साल भी गणपति महोत्सव का आयोजन सावधानी पूर्वक और सादगीपूर्ण माहौल में किया जाएगा। महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों ने पुणे में यह जानकारी दी है।
सरकार के फैसले से खुश नहीं है आयोजक
महाराष्ट्र सरकार के फैसले से गणेश उत्सव के आयोजक खुश नहीं हैं। उनका कहना है कि गाइडलाइन बनाते समय सरकार ने उनसे कोई बातचीत नहीं की और उनका पक्ष बिल्कुल नहीं सुना गया। कोरोना की दूसरी लहर का असर सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में ही हुआ था। इसके बाद यहां हालात सुधरे हैं और हालात काबू में आ चुके हैं। लोगों को वैक्सीन लगने के साथ ही यहां स्कूल खोलने की बातें हो रही हैं। ऐसे में धार्मिक समितियां चाहती थी कि उन्हें थोड़ी छूट दी जाए।
गणेश उत्सव के लिए क्या है गाइडलाइन
सार्वजनिक पंडालों के लिए आयोजकों को मूर्ति स्थापित करने से पहले स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेनी होगी।
कोरोना महामारी के कारण पंडाल में सीमित लोग ही आ-जा सकेंगे।
पंडाल में कोई भी फालतू सजावट नहीं की जाएगी।
सार्वजनिक पंडाल में 4 फीट और घरों में 2 फीट से ज्यादा बड़ी गणेश मूर्ति नहीं रखी जा सकेगी।
लोगों से धातु या फिर मार्बल की मूर्तियां स्थापित करने को कहा गया है। शादु मिट्टी से बनी मूर्तियां घर के अंदर या फिर निजी टैंक में विसर्जित होंगी।
गणेश उत्सव के लिए किसी से भी जबरदस्ती चंदा नहीं लिया जा सकेगा। जो भी विज्ञापन प्रसारित होंगे वो स्वास्थ्य से जुड़े होंगे और एक सामाजिक संदेश देंगे।
सभी मंडलों से रक्तदान शिविर और सामाजिक जागरुकता के लिए कैंप का आयोजन करने को कहा गया है। इसके साथ ही भजन कीर्तन जैसे आयोजन न करने की सलाह दी गई है।
कोरोना के मामलों को रोकने के लिए जो भी सख्तियां की जाएंगी वो गणेश उत्सव के दौरान भी जारी रहेंगी।
धर्म के नाम पर इनमें कोई छूट नहीं होगी।
आरती और भजन के लिए भीड़ नहीं लगेगी। साथ ही कोई शोर शराबा भी नहीं होगा।
आरती भजन और अन्य कार्यक्रमों के लाइव टेलीकास्ट का प्रबंध करना जरूरी होगा।
सभी मंडलों में थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजेशन जरूरी होगा।
गणेश प्रतिमा की स्थापना और विसजन के दौरान कोई जुलूस नहीं निकाला जाएगा