October 14, 2024

property guideline/MP में 19 से 20% बढ़ेगी प्राॅपर्टी गाइडलाइन:शहरों की प्राइम लोकेशन पर 25 से 40% तक ज्यादा चुकानी होगी रजिस्ट्री फीस

भोपाल,27 जून (इ खबरटुडे)।MP में 1 जुलाई से प्राॅपर्टी की रजिस्ट्री की दरें एवरेज 19 से 20% तक बढ़ाने की तैयारी है। इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर समेत प्रदेश की 15 हजार लोकेशन ऐसी हैं, जहां पर गाइड लाइन 25 से 40% तक बढ़ेगी, जबकि 39500 लोकेशन पर ये आंकड़ा 15 से 20% है।

भोपाल व इंदौर में मेट्रो प्रोजेक्ट की वजह से कलेक्टर गाइडलाइन (बाजार दर) 40% तक बढ़ेगी। यानी भोपाल के एम्स, होशंगाबाद रोड, एमपी नगर समेत कई इलाकों में रजिस्ट्री नई दर से होगी। नए हाईवे और 5 साल से रेट नहीं बढ़ना भी बड़ी वजह है। मूल्यांकन बोर्ड की बैठक में प्रजेंटेशन के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान की हरी झंडी मिलते ही 1 जुलाई से नई गाइडलाइन लागू हो जाएगी।

कॉमर्शियल टैक्स विभाग के सूत्रों की मानें, तो प्रदेश की कुल 1.17 लाख लोकेशन में गाइड लाइन में वृद्धि होगी। वर्ष 2015-16 में सरकार ने 4% बढ़ोतरी की थी। इसके बाद पहली बार होगा, जब गाइडलाइन बढ़ेगी।

वर्ष 2019-20 में तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने गाइडलाइन 20% तक इस उम्मीद में घटा दी थी कि मंदी की मार झेल रहे रीयल एस्टेट में फिर बूम आएगा। हालांकि, वर्ष 2016-17 से अब तक सरकार स्टाम्प ड्यूटी व रजिस्ट्रेशन फीस में बढ़ोतरी करती रही।

सरकार की इनकम का गणित
सरकार को उम्मीद है कि नई दरों से सलाना 1080 करोड़ रुपए तो अधिक मिलेंगे, लेकिन महिलाओं के नाम रजिस्ट्री कराने पर 2% की छूट देने से सरकार को 425 करोड़ रुपए कम मिलेंगे। इस तरह ओवरऑल सरकार की आय में 655 करोड़ रुपए की इनकम होगी।

ये गिनाए गाइडलाइन की दरें बढ़ाने के कारण

  • वर्ष 2016-17से गाइडलाइन नहीं बढ़ाई गई। भोपाल,इंदौर में मेट्रो समेत प्रदेश में कई नए प्रोजेक्ट चल रहे हैं।
  • कई जिलों में गाइडलाइन दरों में फ्लेट रेट पर ही दरें पुनरीक्षित की गई है।
  • कई स्थानों पर गाइडलाइन की दरें मार्केट दरों से काफी कम है।
  • कलेक्टर गाइडलाइन भू-अर्जन, टैक्स डिपार्टमेंट आदि द्वारा उपयोग में ली जाती है।
  • नए नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे व डिस्ट्रिक रोड के कारण वास्तविक मूल्यों में वृद्धि हुई है।
  • नई कॉलोनियों का विकसित होना।
  • नए नगरीय क्षेत्र घोषित होना।

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