November 24, 2024

आधुनिक तकनीक का जनोन्मुखी सुशासन के लिए इस्तेमाल करें -संभागायुक्त

संभागायुक्त डा.पस्तोर ने जिलाधिकारियों की बैठक ली

रतलाम 29अक्टूबर (इ खबरटुडे)। उज्जैन संभागायुक्त डा.रविन्द्र पस्तोर ने जिला प्रशासन को उत्तरदायी, संवेदनशील,पारदर्शी प्रभावी तथा जनोन्मुखी बनाने में विभिन्न संसाधनो के बेहतर प्रबंधन पर जोर दिया है। आज रतलाम जिले में जिलाधिकारियों की बैठक लेते हुए उन्होंने मानव संसाधन के प्रबंधन, कार्यालयीन प्रबंधन,कार्यक्रम एवं योजनाओं के क्रियान्वयन व प्रबंधन एवं जनोन्मुखी एवं उत्तरदायी प्रशासन में आधुनिक तकनीकी के प्रबंधन द्वारा स्वर्णिम मध्यप्रदेश संबंधी माननीय मुख्यमंत्रीजी के सपने को साकार करने के निर्देश दिए। डा.पस्तोर ने कहा कि विभिन्न संसाधनों के बेहतर प्रबंधन से आम व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा लाभ प्रदान किया जा सकता है। साथ ही प्रशासनिक सुदृढता भी पारदर्शितापूर्वक लाई जा सकती है।
डा.पस्तोर ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में संभागीय कार्यालय द्वारा उज्जैन संभाग के जिलों में प्रशासनिक सुदृढता और जनोन्मुखी प्रशासन के लिए जारी किए गए विभिन्न निर्देशात्मक परिपत्रों के क्रियान्वयन संबंधी पडताल की।डा.पस्तोर ने कहा कि सुशासन के लिए आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल किया जाकर उसे और बेहतर बनाया जा सकता है बशर्त है कि इसमें इनफारमेशन गेप को भर दिया जाए।उन्होंने कहा कि शासन के द्वारा संचालित योजनाओं को आम व्यक्तियो तक पहुंचाने के लिए अब विभिन्न प्रकार की व्यवस्थाएं विकसित हो गई है और अब इनके बीच में तुलना भी होने लगी है।बेहतर है कि हम उत्कृष्ट माध्यमों का प्रयोग करते हुए आम जनता कम से कम समय में अधिक से अधिक सेवाओं को पहुंचाने का कार्य सुनिश्चित करें।
संभागायुक्त ने अधिकारियों को अपना अधिकतम कार्यालयीन समय मैदानी भ्रमण पर व्यतीत करने के निर्देश दिए।उन्होंने कहा कि कार्यालय में बैठकर मैदानी स्तर की वास्तविकताओं का पता लगाया जाना मुश्किल होता है।बेहतर होगा कि ज्यादा से ज्यादा समय भ्रमण पर लगाया जाए।इसके पूर्व भ्रमण संबंधी डायरी संधारित की जाए जिसके बारे में वरिष्ठ अधिकारी को भी अवगत कराया जाए।डा. पस्तोर ने कहा कि जिला स्तर पर होने वाली बैठकों को सोमवार एवं मंगलवार में ही किया जाना सुनिश्चित किया जाए।उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि बैठकों को भी वीडियो काफ्रेंंसिंग के माध्यम से किया जाना सुनिश्चित किया जाए ताकि समय का सदुपयोग किया जा सके।डा.पस्तोर ने जिले में सभी विभागों को वेबसाईट के माध्यम से अधिकांश कार्य करने को कहा है।उन्होंने कहा कि बेहतर कार्य परिणाम प्राप्त करने के लिए ग्रुप एसएमएस, फेसबुक, वाट्सएप, टि्वटर, यू-टयूब आदि का उपयोग किया जाए।

अपने संसाधन स्वयं लेकर चले

    तकनीकी के बेहतर प्रबंधन एवं इस्तेमाल पर जोर देते हुए संभागायुक्त डा.पस्तोर ने सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अपने संसाधन स्वयं लेकर आने : ब्रिंग यूअर ओन डिवाईस : एवं उनका समुचित उपयोग करने को कहा है। इसके अंतर्गत नवीन तकनीकी के इस्तेमाल की नसीहत आयुक्त महोदय द्वारा दी गई।उन्होंने बताया कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा नवीन तकनीकी से लेस मोबाईल खरीदने के लिए छह हजार रूपए तक की राशि उपलब्ध कराने के निर्देश पूर्व में ही दिए जा चुके हैं।

जिलाधिकारी स्वयं को बेहतर सीईओ बनाएं

    डा.पस्तोर ने जिलाधिकारियों से अपेक्षा की है कि वे पारम्परिक तरीके से कार्य न करते हुए योजनाओं के क्रियान्वयन में व्यावसायिकता को अपनाएं। वे एक अच्छा मैनेजर,लीडर और चीफ एक्जीक्यूटीव आफिसर के रूप में कर्तव्य निर्वहन करते हुए अपनी उपादेयता सिध्द करें।वर्तमान समय में एक अच्छा प्रबंधक ही अपने संस्थान में उपलब्ध संसाधनों का बेहतर प्रयोग करते हुए उत्कृष्ट परिणाम दे सकता है। इसके लिए हमें अपनी मानसिकता में परिवर्तन लाना होगा।

मुख्यालय पर रहना सुनिश्चित करें

    संभागायुक्त ने कलेक्टर डा.संजय गोयल को जिले में बेहतर अपेक्षित परिणाम प्राप्त करने के लिए अधीनस्थ समस्त अधिकारियों कर्मचारियों का मुख्यालय पर निवास सुनिश्चित करने संबंधी आदेश जारी करने के निर्देश दिए।उन्होंने कहा है कि मुख्यालय पर रहने संबंधी निर्देशों का पालन नहीं करने वाले अधिकारी कर्मचारियों के वेतन से मकान भत्ता काट लिया जाए।डा.पस्तोर ने कहा कि समस्त अधिकारी कर्मचारियों को अपने निवास के सामने नेमप्लेट लगाना भी अनिवार्य किया जाए ताकि आम जनता जरूरत पडने पर संबंधित अधिकारी से संपर्क कर सकें।

उपस्थिति एवं अवकाश प्रबंधन प्रणाली वाला पहला जिला रतलाम

संभागायुक्त डा.पस्तोर द्वारा इलेक्ट्रानिक माध्यम से उपस्थिति के प्रबंधन संबंधी निर्देश बैठक में दिए गए। इस संबंध में कलेक्टर डा.संजय गोयल ने बैठक में बताया कि रतलाम जिला ऐसा पहला जिला है जहां विगत माह में इलेक्ट्रानिक माध्यम से उपस्थिति एवं अवकाश प्रबंधन प्रणाली को न सिर्फ लागू किया गया है बल्कि उसका बेहतर क्रियान्वयन भी किया जा रहा है। इसके बेहतर परिणाम भी प्राप्त हो रहे है।अनुपस्थित रहने वाले एवं बगैर सूचना के अवकाश पर जाने वाले अधिकारी कर्मचारियों के वेतन में कटोत्री की जाकर वेतन आहरित किया जा रहा है।

पंचायतों को ई-नेटवर्क के लिए डोंगल उपलब्ध कराया जाए

    संभागायुक्त डा.पस्तोर ने बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हरजिन्दरसिंह को निर्देशित किया कि जिन पंचायतों में इन्टरनेट नेटवर्क की कनेक्टिवीटी नहीं है उन्हें डोंगल उपलब्ध कराए जाएं।उन्होेंने बताया कि इस संबंध में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मध्यप्रदेश शासन द्वारा पूर्व में निर्देश जारी किए जा चुके है।इससे ग्रामीण अंचलों में कार्यरत कर्मचारियों की उपस्थिति भी इलेक्ट्रानिक माध्यम से सुनिश्चित की जा सकेगी। ग्रामीण्ा क्षेत्रों में कार्यरत कर्मचारी ग्राम पंचायतों में बायोमेटि्रक सिस्टम से सुबह 10.30 बजे एवं सायंकाल 5.30 बजे अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकेगे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कम्प्यूटर सिस्टम उपलब्ध करा दिए गए हैं।

स्वच्छ मध्यप्रदेश अभियान अंतर्गत कार्यालय भी स्वच्छ करें

संभागायुक्त डा.पस्तोर ने मध्यप्रदेश शासन  द्वारा प्रारंभ किए गए स्वच्छ मध्यप्रदेश अभियान के तहत अपने कार्यालयों में भी साफ-सफाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा है कि इसके अंतर्गत कार्यालयों में अनुपयोगी पुराने फर्नीचर और पुरानी मशीनों को दुरूस्त कराया जाए अथवा शासन के नियमानुसार अपलेखन की कार्यवाही की जाए। इसी प्रकार उन्होंने अनुपयोगी फाईलों को रिकार्ड रूम में रखे जाने और शेष फाईलों को पंजीबध्द कर व्यवस्थित करने के निर्देश दिए।

भुगतान चेक से नहीं इलेक्ट्रानिक माध्यम से हो

    संभागायुक्त डा.पस्तोर ने बैठक में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि सुशासन एवं पूर्ण पारदर्शिता के लिए आवश्यक है कि शासकीय तौर से किए जाने वाले समस्त प्रकार के भुगतान इलेक्ट्रानिक माध्यम से ही किए जाए।किसी प्रकार के चेक से कोई भी भुगतान न किया जाए। उन्होंने भुगतान की आरटीजीएस पध्दति का उपयोग करने पर जोर दिया।

स्मार्ट विलेज बनाए अभिसरण द्वारा

संभागायुक्त डा.पस्तोर ने प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं के अभिसरण के माध्यम से गांवों को स्मार्ट विलेज के माध्यम से विकसित करने पर जोर दिया।उन्होंने कहा कि गांवों में संसाधनों की कमी नहीं है उनका बेहतर प्रबंधन किया जा सकता है और गांव को ही स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित किया जा सकता है।संभागायुक्त ने हर गांव में दुग्ध समितियां और हर ग्राम पंचायत में बीज समितियों के गठन पर जोर दिया।उन्होंने कहा है कि गावों में लोगों को प्रोत्साहित किया जाकर प्रोडयूसर कंपनियों का गठन किया जाए ताकि ग्रामीणों को अधिक से अधिक लाभ मिले और उनका आर्थिक सुदृढीकरण हो सके जिसका लाभ स्मार्ट विलेज बनाए जाने में प्रशासन को मिले।
संभागायुक्त डा.पस्तोर ने गांवों के विकास के लिए ढंाचागत एवं प्रक्रियागत व्यवस्थाओं को बेहतर करने पर जोर दिया।उन्होंने कहा कि संपूर्ण विकास के लिए आवश्यक है कि एक ही व्यक्ति की जवाबदेही तय की जाए। लक्ष्यों का निर्धारण हो। डाटा मैनेजमेंट सिस्टम को दुरूस्त किया जाए। प्रशिक्षण का बेहतर मैनेजमेंट हो और शिकायत प्रबंधन प्रणाली को सशक्त बनाया जाए। अधिकारी कर्मचारियों की परफारमेंश के मूल्यांकन के लिए सिटीजन स्कोर कार्ड प्रणाली को अपनाया जाए।
बैठक के अंत में कलेक्टर डा.संजय गोयल ने संभागायुक्त के द्वारा दिए गए मार्गदर्शन पर सभी की ओर से विश्वास व्यक्त किया कि वे उनके विश्वास को बनाए रखेंगे और जिले में जनोन्मुखी सुशासन और पारदर्शितापूर्वक प्रशासन के सुदृढीकरण के लिए अपना शत-प्रतिशत योगदान देंगे। बैठक में विभिन्न विभागों के संभागीय अधिकारीगण और रतलाम जिले के जिलाधिकारी उपस्थित थे।

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