Conversion Inside Story: दाढ़ी काटे जाने पर फफक कर रोने लगा था उमर गौतम, पत्नी को राजेश्वरी से रजिया बना दिया
फतेहपुर,25 जून (इ खबरटुडे)। अवैध धर्मांतरण (Conversion) मामले में उत्तर प्रदेश के नोएडा से गिरफ्तार श्याम सिंह उर्फ उमर गौतम से जुड़ा एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. नाम न उजागर करने की शर्त पर उमर के बुजुर्ग पड़ोसियों ने बताया कि इलाके के एक क्षत्रीय परिवार में श्याम सिंह उर्फ उमर गौतम की शादी तो हो गई थी, लेकिन उसका गौना नहीं हुआ था. शादी के बाद उमर गौतम पढ़ाई करने के लिए नैनीताल चला गया था. जब पंतनगर यूनिवर्सिटी से एग्रीकल्चर की डिग्री हासिल कर वह सन 1983 में वापस घर लौटा तो श्याम सिंह से उमर गौतम बन चुका था. ग्रामीण बताते हैं कि उमर ने अपनी मां का भी धर्मांतरण करवा दिया था.
धर्मांतरण की जानकारी पर उसके परिवार वाले उमर से बहुत नाराज थे. उसके ससुराल वालों ने भी बेटी की विदाई करने से साफ मना कर दिया था. परिवारवालों के दबाव और हालात के आगे मजबूर उमर गौतम ने फिर सभी को विश्वास में लेकर यह भरोसा जताया था कि वह इस्लाम धर्म छोड़कर फिर हिन्दू धर्म को अपना लिया है. ग्रामीण बताते हैं कि जब उसके पिता धनराज सिंह ने नाई को बुलाकर उमर की दाढ़ी कटवा दी तो वह फफक-फफक कर रोने लगा था और कह रहा था या अल्लाह मेरे गुनाहों को माफ़ करना, फिर उसके बालों को एक सफ़ेद रुमाल में रखकर दफना दिया था.
पछता रहे हैं ससुराल वाले
कुछ दिन बीतने के बाद उमर गौतम के विश्वास में आकर पिता धनराज सिंह ने बेटे के ससुरालवालों से बात कर उसकी पत्नी को विदा करने के लिए कहा था, जिसके बाद ससुरालवालों ने उमर गौतम पर भरोसा करते हुए अपनी बेटी को उसके साथ विदा कर दिया था. इसका पछतावा उन्हें आज भी है, ऐसा उनसे जुड़े लोग कहते हैं. लोग बताते हैं कि कुछ दिन बाद उमर गौतम अपनी पत्नी राजेश्वरी को लेकर दिल्ली चला गया था और कुछ महीने बाद ही उसका भी धर्मांतरण करवाकर उसे राजेश्वरी से रजिया बना दिया था. जब धर्मांतरण की बात उसके ससुरालवालों को पता चली तो वह उमर गौतम को बहुत समझाने प्रयास किया था. इतना ही नहीं उसके ससुर ने उमर को दो ईंट भट्ठा समेत अपनी आधी प्रॉपर्टी उसके नाम करने को भी कह दिया था, फिर भी वह किसी की बात नहीं माना.
उमर से जुड़ी एक और बात सामने आई है. बताया जाता है कि उसने प्रत्यक्ष रूप से गांव के किसी भी व्यक्ति को धर्मांतरण के लिए प्रेरित नहीं किया था, लेकिन गरीबो को मदद के नाम पर 5-10 हजार रुपये देकर उनके दिल में अपने लिए जगह जरूर बनाता था. उमर के शातिर दिमाग का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि परिवार में उसके अलावा और भी पांच भाई थे, लेकिन वह बीमार मां को इलाज के लिए अपने साथ दिल्ली ले गया था और इलाज के बाद जब उसकी मां ठीक हो गई तो उसका भी धर्मांतरण करा दिया था. लोग बताते हैं कि कुछ साल बीतने के बाद जब उसकी मां की मौत हो गई थी तो उमर मां का अंतिम संस्कार मुस्लिम धर्म के रीति रिवाज से करने के जिद पर अड़ा था, लेकिन भाइयों के विरोध के चलते ऐसा नहीं हो पाया.
एक हजार से ज्यादा लोगों का धर्मांतरण
आपको बता दें कि उमर गौतम फ़तेहपुर के पंथुआ गांव का रहने वाला है. यूपी समेत देश के कई राज्यों में गैरकानूनी ढंग से एक हजार से ज्यादा लोगों का धर्मांतरण कराने के आरोप में यूपी एटीएस ने उमर गौतम को नोएडा से गिरफ्तार किया है. जिस मामले की छानबीन के लिए यूपी एटीएस पिछले तीन दिनों से फ़तेहपुर जिले में डेरा जमाए हुए है. विश्वस्त सूत्रों की मानें तो जिले के कई नामचीन हस्तियों से उमर के गहरे रिश्ते थे. इसके अलावा शहर के नुरूलहुदा इंग्लिश मीडियम स्कूल और हसवा स्तिथ एक मदरसे में बड़ी फंडिंग की बात भी सामने आई है. ऐसे में अब एटीएस उमर से जुड़े करीबियों के बैंक अकाउंट व प्रॉपर्टी को खंगालकर उसके तमाम गुनाहों के सबूत को जुटा रही है