October 14, 2024

Oxygen Loot निजी अस्पतालों में आक्सिजन के नाम पर खुली लूट,साढे पांच सौ की आक्सिजन साढे चार हजार रु.में

रतलाम,28 मई (इ खबरटुडे)। पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण में गिरावट का दौर चल रहा है और कुछ समय पहले जैसी आक्सिजन की मारामारी समाप्त हो चुकी है। इसके बावजूद शहर के निजी अस्पतालों में आक्सिजन के नाम पर खुली लूट की जा रही है। साढे पांच सौ रु. में मिलने वाली आक्सिजन के लिए मरीजों से साढे चार हजार रु. तक वसूले जा रहे है।

उल्लेखनीय है कि करीब दो हफ्ते पहले तक कोरोना मरीजों की तादाद बहुत ज्यादा थी और अस्पतालों में आक्सिजन की आवश्यकता बढती जा रही थी। उस समय शासन और प्रशासन की कोशिशों से रतलाम में आक्सिजन की आपूर्ति निर्बाध बनी रही थी। लेकिन अब आक्सिजन की कोई कमी नहीं है और सभी अस्पतालों को बडी आसानी से आक्सिजन मिल रही है।

CHL Jain Diwakar Hospital’s Bill

लेकिन निजी अस्पतालों में आक्सिजन के नाम पर खुली लूट जारी है। इ खबरटुडे को शहर के दो निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों को दिए गए बिल मिले है। इन बिलों में आक्सिजन की कीमत ना सिर्फ अलग अलग है,बल्कि कीमत भी कई गुना अधिक लगाई गई है। अस्सी फीट रोड पर स्थित मां गायत्री हास्पिटल ने अपने एक मरीज को दिए बिल में आक्सिजन के 20 सिलैण्डर के लिए प्रति सिलैण्डर अठारह सौ रु.के मान से छत्तीस हजार रु. लगाए है। जबकि सागोद रोड स्थित सीएचएल अस्पताल ने अपने एक मरीज के बिल में उसी आक्सिजन के दाम प्रति सिलैण्डर साढे चार हजार रु. लगाए है। सीएचएल अस्पताल ने इस मरीज को लगाए गए सात आक्सिजन सिलैण्डर के लिए साढे इकतीस हजार रु. का बिल थमाया है। अस्पतालों में आक्सिजन की कीमतें गिनने के तरीके भी अलग अलग है। जहां इन दो अस्पतालों के बिलों में आक्सिजन सिलैण्डरों की संख्या के आधार पर बिल बनाया गया है,वहीं एक अन्य अस्पताल मिश्रीदेवी अस्पताल के बिल में आक्सिजन की कीमत दिनों के आधार पर तय की गई है। इस अस्पताल ने प्रतिदिन सात हजार रु. के हिसाब से दो दिन के चौदह हजार रु. का बिल बनाया है। मजेदार बात यह है कि किसी भी अस्पताल के बिल में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि मरीज ने कुल कितनी आक्सिजन का उपयोग किया। यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है कि जिस सिलैण्डर की कीमत ली जा रही है वह कितनी आक्सिजन क्षमता का था।

अब जरा आक्सिजन की वास्तविक कीमत पर नजर डालें। वर्तमान में 7 क्यूबिक मीटर गैस क्षमता वाला आक्सिजन का जम्बो सिलैण्डर प्लान्ट से मात्र साढे पांच सौ रु.में भरा जा रहा है। जिन दिनों में आक्सिजन की मांग बहुत अधिक थी,उस समय इस सिलैण्डर की कीमतें बढी थी। पहले इसकी कीमत बढ कर साढे सात सौ रु. हो गई थी और बाद में यह कीमत साढे नौ सौ रु. तक जा पंहुची थी। लेकिन वर्तमान समय में कीमतें फिर से साढे पांच सौ रु.हो चुकी है। इसी तरह 4 क्यूबिक मीटर क्षमता वाले मध्यम आकार के सिलैण्डर की कीमत चार सौ रु. और 2.5 क्यूबिक मीटर क्षमता वाले छोटे सिलैण्डर की कीमत दो सौ रुपए है।

Mishri Devi Manav Kosh Hospital

यह तथ्य भी उल्लेखनीय है कि वर्तमान के कोरोना संकट के दौर में रतलाम के दो आक्सिजन प्लान्ट सीधे सरकारी नियंत्रण में है और अस्पतालों को शासन द्वारा ही आक्सिजन मुहैया करवाई जा रही है।

इसके बावजूद अस्पतताल साढे पांच सौ रु. के सिलैण्डर के लिए साढे चार हजार रु.तकवसूल रहे है। निजी अस्पतालों की यह खुली लूट बेधडक जारी है। अस्पताल प्रबन्धन बेखौफ होकर अपने मरीजों की मजबूरी का फायदा उठा रहे है।

राज्य शासन और जिला प्रशासन ने अस्पतालों में उपचार की दरें निर्धारित कर रखी है। अभी हाल ही में पैथोलाजी लैब के लिए भी जांच की दरें तय की गई थी। ऐसे में यह जरुरी है कि अस्पतालों द्वारा की जा रही खुली लूट को रोकने के लिए कडे कदम उठाए जाए और निजी अस्पतालों में होने वाले उपचार की दरें भी निर्धारित की जाए।

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