November 23, 2024

breaking news/इंदौर में अब तक करीब 70 से अधिक लोगों को हुआ ब्लैक फंगस इंफेक्शन

इंदौर,13 मई (इ खबरटुडे)। कोविड संक्रमण के बाद 10 से 25 दिन बाद भी ब्लैक फंगस इंफेक्शन हो रहा है। शहर के चिकित्सकों के मुताबिक अभी तक यह माना जा रहा था कि जिन मरीजों को कोविड इलाज के दौरान स्टेराइड या हायर एंटीबायोटिक इंजेक्शन ज्यादा दिए गए है उन्हें ही इस तरह का संक्रमण हो रहा है। नेत्र रोग विशेष डा. ओपी अग्रवाल के मुताबिक ऐसे मरीज जो अभी तक होम आईसोलेशन में थे जिन्होंने स्टेराइडड या अन्य इंजेक्शन नहीं लिए उनमें भी ब्लेक फंगस संक्रमण की समस्यां देखने को मिल रही है।

ऐसे में अभी तक यह स्पष्ट हुआ है कि कोविड संक्रमित मरीजों को ही इस तरह का संक्रमण हो रहा है और जिन्हें डायबिटिज है उन्हें इस तरह का संक्रमण ज्यादा हो रहा है। इंदौर में अभी तक 70 से अधिक लोगों को इस तरह का संक्रमण हो चुका है। इस संक्रमण से ग्रसित मरीजों का सटीक डाटा जुटाने के लिए चिकित्सकों व अस्पतालों के बीच आनलाइन सर्वे कर जुटाने का प्रयास किया है।

एमवायएच में 10 दिन में 16 ब्लैक फंगस के मरीज हुए भर्ती
एमवाय अस्पताल में पिछले 10 दिन में ब्लैक फंगस संक्रमण 16 मरीज इलाज के लिए पहुंचे है, इनमें से अभी तक तीन मरीजों की सर्जरी कर आंखे निकाली गई है। एमवायएच के पांचवी मंजिल पर बने वार्ड नंबर 28 में अभी 15 मरीजों को भर्ती करने की सुविधा है। इसे बढ़ाकर 21 तक किया जा सकेगा। मेडिसिन विभाग के एचओडी डा. वीपी पांडे के मुताबिक अभी इस वार्ड में मेडिसिन, नेत्र रोग, नाक कान व गले रोग व न्यूरोलॉजी विभाग की टीम मौजूद है जो ब्लैक फंगस संक्रमण वाले मरीजों को संयुक्त रुप से इलाज कर रही है।

ब्लैक फंगस का इलाज भी हुआ महंगा, आसानी से नहीं मिल रहे इंजेक्शन
ब्लैक फंगस इंफेक्शन होने पर एंटी फंगल इंजेक्शन एम्फोटेरिसन बी लगाया जाता है। एक दिन में चार से पांच इंजेक्शन लगते है और यह इंजेक्शन करीब 10 से 15 दिन मरीज को लगाने होते है। इस संक्रमण के मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण यह इंजेक्शन आसानी से बाजार में नहीं उपलब्ध हो रहा है। यह इंजेक्शन तीन से सात हजार रुपये की कीमत में मिलता है। ऐसे में 15 दिन तक हर दिन चार से पांच इंजेक्शन मरीज को लगने पर करीब ढाई से तीन लाख रुपये खर्च हो जाते है। हालात यह है कि अब इस इंजेक्शन की उपलब्धता नहीं होने के कारण इसकी भी कालाबाजारी शुरु हो गई और कई दवा विक्रेता ज्यादा कीमत में इंजेक्शन दे रहे है।

ज्यादा स्टेराइड्स व टॉसी इंजेक्शन न देने के सलाह
डाॅ. वी पी पांडे के मुताबिक अभी तक यह देखने में आया है कि जिन कोविड मरीजों को स्टेराइड्स व टासलीजुबैम इंजेक्शन दिया गया है उनमें इस तरह का संक्रमण होने का खतरा ज्यादा होता है। यह वजह है कि शहर के सभी चिकित्सकों को सलाह दी गई है कि मरीजों को कोविड इलाज के दौरान ज्यादा स्टेराइड्स न दें और जरुरी होने पर ही टासलीजुबैम इंजेक्शन दें।

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