जिले के समस्त पंजीकृत निजी चिकित्सालयों के तीस प्रतिशत बिस्तरों को कोरोना मरीजों हेतु आरक्षित रखने का निर्णय
रतलाम,20 अप्रैल (इ खबरटुडे)। कोरोना महामारी के चलते राज्य शासन से प्राप्त निर्देशों के अनुसार रतलाम जिले के समस्त पंजीकृत निजी चिकित्सालयों के वर्तमान बिस्तरों की संख्या के तीस प्रतिशत बिस्तरों को कोरोना मरीजों हेतु आरक्षित रखने का निर्णय लिया गया है।
जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. प्रभाकर ननावरे ने इस संबंध में जारी आदेश में कहा है कि समस्त पंजीकृत निजी चिकित्सालयों को, मध्य प्रदेश पब्लिक हेल्थ एक्ट 1949 के अंतर्गत नोवल कोरोनावायरस बीमारी अधिसूचित की गई है, आदेशित किया जाता है कि वे कोरोना मरीजों का इलाज करने की कार्रवाई प्रारंभ करें।
इसके लिए शर्तें तय की गई है । उसके अनुसार कोरोना मरीजों का इलाज करने हेतु उनकी आने-जाने की व्यवस्था एवं दरवाजा पृथक से रखना होगा। कोरोना मरीजों को अन्य मरीजों से पृथक रखने हेतु व्यवस्था करना होगा । कोरोना मरीजों का इलाज करने हेतु जो दरें निर्धारित की गई वह उनके द्वारा 29 फरवरी 2020 की स्थिति में जो दरें उनके यहां प्रभावशील थी उनका 40 प्रतिश वृद्धि कर इलाज किया जा सकेगा, जिसमें पीपीई कीट, मास्क, सैनिटाइजर इत्यादि का पृथक से देय नहीं होगा। दरों की सूची सूचना पटल पर रखना होगी।
कॉविड प्रोटोकॉल अनुसार बायो मेडिकल मैनेजमेंट का पालन करना होगा ।सभी कोरोना के मरीजों की जानकारी प्रतिदिन (हार्ड कॉपी सॉफ्ट कॉपी के माध्यम से) सीएमएचओ कोविड-19 नोडल अधिकारी और एपिडेमियोलॉजिस्ट आईडीएसपी को दी जाना होगी तथा सार्थक पोर्टल पर भी पूर्ण जानकारी अपलोड करना होगी। कोई भी कोविड मरीज यदि उसे चार दिन तक एसिम्पोमेटिक रहता है और उसके वाइटल एवं spo2 नॉरमल है तो उसे डाउनशिफ्टिंग यानी कि होम आइसोलेशन में शिफ्ट करना होगा।
रोगी की जानकारी नियमित रूप से कोविड कंट्रोल रूम एवं जिला एपिडिमियोलॉजिस्ट (आई डी एस पी) को देना होगी। ड्यूटी पर तैनात डाक्टर एवं कर्मचारियों को मास्क एवं पीपीई किट पहनना अनिवार्य होगा। कोविड-19 ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों का बीमा किया जाना होगा। मरीजों की अनावश्यक जांचें नहीं की जाए । कोविड-19 मरीज की केसशीट एवं संपूर्ण दस्तावेजों का संधारण एवं भविष्य में अवलोकन हेतु सुरक्षित रखा जाना होगा। कोविड-19 से संबंधित शासन एवं आईसीएमआर की गाइडलाइन का पूर्णरूपेण पालन करना होगा।