परिवार के नौ लोगों को जहर देकर प्रेमी के संग भागी महिला का सुराग नहीं
भिंड,31मार्च (इ खबरटुडे)। खाने में परिवार के नौ लोगों को जहर देकर ननदेऊ के साथ भागी महिला का चार दिन बाद भी सुराग नहीं मिला है। महिला के पति का कहना है इससे उसके छह माह के मासूम बच्चे की जान को खतरा है। मासूम को महिला अपने साथ लेकर गई है। पति का कहना है, जो महिला परिवार के नौ लोगों को मारने के लिए खाने में जहर दे सकती है वह बच्चे के साथ कोई भी वारदात कर सकती है।
यहां बता दें, महिला ने 27 मार्च को ससुराल में सभी लोगों को खाने में जहरीला पदार्थ खिलाया था। इससे अगली सुबह सभी को बेहोशी की हालत में पहले मेहगांव अस्पताल फिर ग्वालियर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। परिवार के चार लोग अब भी भर्ती हैं।
बरासों थाने के सिमार गांव निवासी रेशमा पत्नी जावेद खान ने 27 मार्च की रात में घर में आलू, रोटी और बैंगन के भर्ते की सब्जी तैयार की थी। इस भोजन को खाने के बाद रेशमा के 62 वर्षीय ससुर मुंशी पुत्र मिट्ठू खान, 55 वर्षीय सास मेहमूदन पत्नी मुंशी खान, 25 वर्षीय जय उद्दीन पुत्र मुंशी खान, 22 वर्षीय इलियास पुत्र मुंशी खान, 38 वर्षीय गुड्डी पत्नी पप्पू खान, 20 वर्षीय निशा पुत्री पप्पू खान, 13 वर्षीय बेटे कामिल पुत्र जावेद, 12 वर्षीय बेटी आफरीन पुत्र जावेद खान, पति जावेद की तबीयत बिगड़ गई थी। सभी को 28 मार्च की सुबह पड़ोस में रहने वाले लोगों ने बेहोशी की हालत में मेहगांव अस्पताल में भर्ती कराया था।
मेहगांव से सभी को इलाज के लिए ग्वालियर रेफर किया गया था। ग्वालियर के निजी अस्पताल से इसी दिन जय, इलियास, गुड्डी, निशा और जावेद को डिस्चार्ज कर दिया गया था, जबकि मुंशी खान, मेहमूदन बाई, कामिल और आफरीन मंगलवार को वारदात के चौथे दिन भी भर्ती हैं। वारदात की रात में में ही रेशमा अपने ननदेऊ चांदबाबू उर्फ लोहकन खान निवासी पोरसा के साथ भाग गई है। साथ में छह माह के बेटे जीशान को लेकर गई है। पति जावेद का कहना है कि उसे सबसे ज्यादा जीशान की फिक्र है। पति का कहना है, जो महिला अपने मतलब के लिए पूरे परिवार को मारने की कोशिश कर सकती है वह अपने ऊपर कोई भी खतरा आने पर जीशान को मारने में क्यों हिचकेगी। पुलिस ने ससुर मुंशी खान की रिपोर्ट पर बहू रेशमा और उसके प्रेमी चांदबाबू पर केस दर्ज किया है।
बर्तन और खाना जांच के लिए भिजवाया
मेहगांव एसडीओपी राजेश राठौर ने बताया कि अनुमान लगाया जा रहा है, महिला ने खाने में नींद की गोलियां मिलाकर दी होंगी। जहर होता तो गंभीर नुकसान हो सकता था। एसडीओपी का कहना है कि उन्होंने सब्जी, रोटी और बर्तनों को जांच के लिए भिजवाया है। फोरेंसिक जांच के बाद स्पष्ट हो जाएगा कि भोजन में किस तरह का जहरीला पदार्थ मिला गया था।