November 23, 2024

विक्रम विवि का तुगलकी कार्य,बगैर मतलब छात्रों को परेशान कर रहा विश्वविद्यालय प्रशासन,दूर दराज से विवि के चक्कर लगाने को मजबूर हैं छात्र

उज्जैन,26 मार्च (इ खबरटुडे)। विक्रम विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही छात्रों को भारी पड रही है। विश्वविद्यालय के हजारों छात्रों का परीक्षा परिणाम बेवजह रोक दिया गया है,जिससे छात्रों के सामने अगली परीक्षा के फार्म भरना कठिन हो गया है। अपने ही परीक्षा परिणाम को प्राप्त करने के लिए छात्रों को दूर दराज से विश्वविद्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर होना पड रहा है।

उल्लेखनीय है कि विक्रम विश्वविद्यालय की परीक्षाओं के लिए इन दिनों आनलाइन फार्म भरे जा रहे है। लेकिन हजारों छात्र परीक्षा परिणाम प्राप्त नहीं होने के कारण फार्म नहीं भर पा रहे है। छात्रों का कहना है कि छात्रों द्वारा पिछली परीक्षा का परिणाम जमा नहीं कराने के नाम पर परीक्षा परिणाम रोका गया है। महाविद्यालय में सम्पर्क करने पर बताया जाता है कि महाविद्यालय द्वारा छात्रों के पिछले परीक्षा परिणाम की पूरी जानकारी विश्वविद्यालय को भेजी जा चुकी है। विश्वविद्यालय प्रशासन कालेज द्वारा भेजी गई जानकारी की बजाय छात्रों से पिछली उत्तीर्ण परीक्षा की मार्कशीट मंगवा रहा है। पिछली उत्तीर्ण परीक्षा की मार्कशीट विश्वविद्यालय में जमा कराने पर ही छात्रों का परिणाम घोषित किया जा रहा है। विश्वविद्यालय की इस उटपटांग नीति के कारण हजारों छात्रों को बेवजह दूर दराज से अपना समय और पैसा खर्च करके विश्वविद्यालय आना पड रहा है।

एलएलएम द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा दे चुके रतलाम के पत्रकार तुषार कोठारी का परीक्षा परिणाम विश्वविद्यालय द्वारा रोका गया है। रतलाम के कैलासनाथ काटजू विधि महाविद्यालय द्वारा विश्वविद्यालय को सभी चात्रों के पिछले परीक्षा परिणाम की विस्तृत जानकारी भेजी जा चुकी है। इसके बावजूद परीक्षा परिणाम रुका हुआ है। कालेज प्रशासन का कहना है कि इसके लिए छात्र को विक्रम विश्वविद्यालय के गोपनीय विभाग और परीक्षा विभाग में जाकर एलएलएम प्रथम सेमेस्टर की मार्कशीट वहां उपलब्ध कराना पडेगी,जिससे कि विश्वविद्यालय प्रथम और द्वितीय सेमेस्टर के प्राप्तांकों का औसत निकाल कर पूरे वर्ष का परीक्षा परिणाम घोषित करेगा।

तुषार कोठारी का कहना है कि उनके जैसे तमाम छात्रों के प्रथम सेमेस्टर के परिणाम की जानकारी कालेज द्वारा पूर्व में ही विश्वविद्यालय को भेजी जा चुकी है। इसके अलावा विश्वविद्यालय के रेकार्ड में ही सभी छात्रों के परीक्षा परिणाम की जानकारी उपलब्ध है। इतना ही नहीं द्वितीय सेमेस्टर का परीक्षा फार्म भरते समय भी प्रथम सेमेस्टर की अंकसूचि संलग्न की जाती है। ऐसी स्थिति में प्रथम सेमेस्टर की अंकसूचि लेकर छात्र को विश्वविद्यालय बुलाने का औचित्य समझ से बाहर है। विश्वविद्यालय के हजारों छात्रों को इस समस्या से जुझना पड रहा है। इसके पीछे विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार भी एक कारण हो सकता है। अपना रिजल्ट घोषित करवाने आए छात्रों से विश्वविद्यालय के कर्मचारी उपरी कमाई कर लेते है।

इनका कहना है

-समस्या को दिखवाकर इसका तत्काल हल किया जाएगा।सहायक रजिस्ट्रार से संबंधित समस्या को लेकर चर्चा कर हल निकालेंगे।

-डा.डीके बग्गा,प्रभारी कुलसचिव,विक्रम वि वि,उज्जैन

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