Banjali Air Strip:बंजली हवाई पट्टी के समीप राजेन्द्र पितलिया को निर्माण अनुमति देने पर रोक लगाने की मांग,नियमों के विपरित है अनुमति दिया जाना
रतलाम,23 फरवरी (इ खबरटुडे)। सुरक्षा कारणों के चलते किसी भी हवाई पट्टी के समीप किसी भी निर्माण को अनुमति नहीं दी जा सकती है। इसके बावजूद शहर के चर्चित भू माफिया ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के एक स्पष्टीकरण पत्र को एनओसी बताते हुए बंजली हवाई पट्टी से सटी भूमि पर कालोनी विकसित करने की अनुमति मांगी है। अ.भा.मानव अधिकार संगठन ने एसी अनुमति नहीं दिए जाने की मांग जिला प्रशासन से की है।
उल्लेखनीय है कि बंजली हवाई पट्टी से सटी ग्राम पलसोडा की भूमि पर शुभम कंस्ट्रक्शंस के राजेन्द्र पितलिया ने कालोनी विकसित करने के लिए जिला प्रशासन से अनुमति मांगी है। इस अनुमति के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के एक पत्र को अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) बताते प्रस्तुत किया गया है।
जिला कलेक्टर को दी गई शिकायत में अभा मानव अधिकार संगठन ने कहा है कि विमानपत्तन प्राधिकरण ने जो पत्र नगर एवं ग्राम निवेश विभाग को भेजा है उसमे स्पष्ट लिखा गया है कि बंजली हवाई पट्टी के समीप की भूमि के सम्बन्ध में एनओसी जारी करने का कोई अधिकार विमानपत्तन प्राधिकरण को नहीं है। इसके सम्बन्ध में कोई भी निर्णय लेने का अधिकार राज्य सरकार एवं राज्य सरकार के विमानन विभाग को ही है। इतने स्पष्ट पत्र के बावजूद इस पत्र को एनओसी बताया जा रहा है।
मानव अधिकार संगठन ने अपनी शिकायत में कहा है कि रतलाम को मिनी स्मार्ट सिटी के रुप में विकसित किया जाना है। ऐसी स्थिति में रतलाम की बंजली हवाई पट्टी को भविष्य में हवाई अड्डे के रुप में विकसित किया जाएगा। यदि आज बंजली हवाई पट्टी के समीप किसी कालोनी के विकास की अनुमति जारी कर दी गई,तो भविष्य में हवाई अड्डा बनने की सारी संभावनाएं पूरी तरह खत्म हो जाएगी।
अपनी शिकायत में संगठन ने कहा है कि बंजली हवाई पट्टी के समीप किसी भी निर्माण पर पूर्व में जिला प्रशासन द्वारा रोक लगाई गई थी। यह रोक आज भी जारी है। प्रदेश के विमानन विभाग द्वारा बंजली हवाई पट्टी का सर्वे भी किया जा चुका है,जिससे कि इसे हवाई अड्डे के रुप में विकसित किया जा सके।
शिकायत में कहा गया है कि बंजली हवाई पट्टी के समीप किसी भी निर्माण के लिए राज्य शासन की अनुमति और विमानन विभाग की अनापत्ति (एनओसी) आवश्यक है,जो कि शुभम कंस्ट्रक्शंस द्वारा प्रस्तुत नही ंकी गई है। ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन द्वारा राजेन्द्र पितलिया को बंजली हवाई पट्टी के समीप किसी निर्माण की अनुमति नहीं दी जाना चाहिए। मानव अधिकार संगठन ने मांग की है कि राजेन्द्र पितलिया द्वारा प्रस्तुत आवेदन को तत्काल निरस्त किया जाए,जिससे कि बंजली हवाई पट्टी पर उतरने वाले विमानों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और भविष्य में इसके हवाई अड्डे के रुप में विकसित होने की संभावना भी जीवित रहे।