किसान आंदोलन के सुर बदले :प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर किया हमला, दिल्ली मेट्रो के 37 स्टेशन बंद, बसों में तोड़फोड़, कई क्षेत्रों में इंटरनेट बंद
नई दिल्ली,26 जनवरी (इ खबरटुडे) दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर चल रहा किसानों का धरना प्रदर्शन मंगलवार को 62वें दिन में प्रवेश कर गया है। दिल्ली पुलिस ने तय शर्तों के अनुरूप गणतंत्र दिवस समारोह संपन्न होने के बाद ट्रैक्टर परेड निकालने की इजाजत दी थी, लेकिन किसानों के अलग अलग जत्थे ने मंगलवार सुबह से ही दिल्ली में घुसने की कोशिश शुरू कर दी।
पुलिस ने इन्हें सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर रोकने और समझाने की पूरी कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। पुलिस कर्मियों से झड़प करते हुए किसान दिल्ली में घुसते चले गए। कई जगह पुलिस कर्मियो के साथ मारपीट की गई। लालकिला के लाहौरी गेट पर लगा दरवाजा उपद्रवी किसानों ने तोड़ दिया है। इसके बाद उपद्रवी मीना बाजार तक पहुंच गए हैं। लालकिला पर पुलिस कर्मियों को घेर कर मारने की कोशिश की गई।
उपद्रवियों ने तलवार से पुलिस कर्मियों पर हमला किया। बताया जा रहा है कि यह हमला निहंगों ने किया। लाल किला खाली कराने में पुलिस कामयाब होती दिखाई दे रही है। पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प भी जारी है। ट्रैक्टर परेड के दौरान आइटीओ समेत दिल्ली में कई जगहों पर किसान अराजक हो चुके हैं। गाड़ियों में तोड़फोड़ के साथ पुलिसकर्मियों को भी पीटने की खबरें आ रही हैं।
नोएडा और गाजियाबाद में किसानों पर लाठीचार्ज भी किया गया है। हिंसक प्रदर्शन पर किसान नेता राकेश टिकैत ने बयान दिया है कि राजनीतिक दलों ने ये माहौल खराब किया है, किसानों ने नहीं। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आधिकारिक बयान जारी कर कहा गया है कि दिल्ली में घुसकर हिंसा, तोड़फोड़ और मारपीट करने वालों का उनके संगठन से कोई वास्ता नहीं है।
हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली मेट्रो के 37 स्टेशनों के गेट बंद कर दिए गए हैं, इनमें आइटीओ मेट्रो स्टेशन भी शामिल है। दोपहर बाद हड़दंगी किसान लाल किला पर पहुंचे। यहां से कुछ नजदीक ही किसानों ने आइएसबीटी के पास ट्रैफिक पुलिसकर्मी को पीटा।