November 22, 2024

नजर निहाल आश्रम पर माँ नर्मदा पर 51 मीटर चुनड़ी ओढ़ाकर चार दिवसी धार्मिक आयोजन का किया गया शुभारंभ

गुजरात,महाराष्ट्र, राजस्थान धार,रतलाम,इंदौर,उज्जैन,खरगौन, खण्डवा शाजापुर,गन्धवानी आदि स्थानों से आये सैकड़ो गुरुभक्त

औंकारेश्वर,24 जनवरी (इ खबरटुडे)। श्री नजर निहाल आश्रम औंकारेश्वर में पूज्य गुरुदेव 1008 श्री नर्मदानन्द बापजी के सानिध्य में 20 से 27 जनवरी तक हों रहे धार्मिक आयोजन का शुभारंभ माँ नर्मदाजी पर पंचामृत दुद्धाभिषेक कर 51 मीटर की चुनड़ी ओढ़ाई गई।

इस चुनड़ी आयोजन में सन्त विजय कृष्ण शास्त्री जंबु, शिवोहमभारती जी एक रोटी बाबा ओंकारेश्वर, रामेश्वरनन्द, ओंकारेश्वर,राजस्थान, गुजरात,महाराष्ट्र, इंदौर,उज्जैन, शाजापुर,धार,खरगौन,खण्डवा, रतलाम,गन्धवानी आदि क्षेत्र से बड़ी संख्या में गुरु भक्त नजर निहाल ओंकारेश्वर आश्रम पर उपस्थित थे।

चुनड़ी कार्यक्रम के बाद सन्तो का कर्मकांड पर हुआ उदबोधन।
सन्त विजय कृष्ण शास्त्री जम्बु ने अपने मुखरबिंद से बताया कि मनुष्य जीवन में कर्म प्रधान है।तुलसीदास जी ने कहा है कि करम प्रधान विश्व रचि राखा जो जैस करई सो तस फल चाखा।जो जैसा कर्म करेगा वैसा फल मिलता है आप बबूल बो कर आम की कामना करोगे तो असम्भव है।

सन्त श्री नर्मदानन्द बापजी ने द्वादशज्योतिर्लिंग की पद यात्रा कर खुद का कर्म तो सुधारा साथ ही जनकल्याण पर्यावरण रक्षण,गौ रक्षा,जल शुद्धिकरण का भी कल्याण किया। आचार्य महामंडलेश्वर सन्त विशोकानन्द जी ने कर्म पर उदबोधन में बताया कि चार प्रकार की माया होती है।औलादनीमाया, माया,श्योग्निमाया, त्रिगोणि माया। सयोग में भी वियोग अगर होता है तो महा सहयोग बनता है।

श्री नर्मदानन्द बापजी भी जनकल्याण मे लगे हुए है वो योग माया से जनकल्याण कर रहे है। सन्त उत्तम स्वामी ने पहले दिन प्रवचन में कर्म विषय को लेकर बताया कि कर्म तो सभी जीव करते है पर हमें कैसी संगती करना है । सन्तो के सानिध्य में अपना कल्याण सम्भव है।सन्त खुद के लिए कर्म नही करते दूसरे के हित मे कर्म करते है यही सर्वश्रेष्ठ है।

इस अवसर पर शिवोहम भारती व रामेश्वरनन्द जी ने भी कर्म विचार रखे। प्रतिदिन 26 जनवरी तक 1 से 4 बजे तक सन्तो के उदबोधन होंगे। 26 जनवरी को शिवशक्ति यज्ञ की पूर्णाहुति होंगी।27 जनवरी को सन्त दर्शन,आशीष वचन , भंडारा व धार्मिक आयोजन का समापन्न होगा।

गुरुदेव श्री नर्मदानन्द बापजी ने बताया कि द्वादशज्योतिर्लिंग की पद यात्रा की 27 जनवरी की पूर्णाहुति में भारत वर्ष के 50 से अधिक आचार्य महामंडलेश्वर,मण्डलेश्वर,महंत व 5 सौ से अधिक साधु व सन्तो का आगमन दर्शन व आशीष वचन होगा। समर्थ श्री नित्यानन्द भगवान व माँ नर्मदामाई की असीम कृपा से जो धार्मिक आयोजन होने जा रहा है।आप सभी भक्त जन इस धार्मिक आयोजन में सादर आमंत्रित है।यह जानकारी सुधीर पाण्डेय ने दी।

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