October 14, 2024

रिश्वत लेने वाले निरीक्षक एवं सहयोगी आरक्षक को चार-चार वर्ष का कारावास

रतलाम,20 जनवरी (इ खबरटुडे)। रिश्वत लेने वाले निरीक्षक एवं सहयोगी आरक्षक को भ्रष्टाचार निवारण के विशेष न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार दक्षिणी ने चार चार वर्ष का कारावास की सजा सुनाई। पैरवी उपसंचालक सुशील कुमार जैन ने की। तर्कों से सहमत होते हुए न्यायाधीश श्री दक्षिणी ने नरेन्द्र गोमे पिता बाबूलाल गोमे उम्र 40 वर्ष निवासी महावीर नगर मक्सी रोड उज्जैन एवं रमेश पिता मानसिंह सुलिया उम्र 28 वर्ष निवासी पानीगांव थाना कांटाफोड जिला देवास को सजा सुनाई।

मीडिया सेल प्रभारी शिव मनावरे ने मीडिया को बताया कि 13 फरवरी 2015 को आवेदक छगनलाल पिता रामलाल ब्राह्मण निवासी ग्राम इटावा माताजी थाना बिलपांक द्वारा पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त को यह शिकायत की थी कि उसके लड़के सतीश के विरूद्ध थाना पिपलौदा मेें दर्ज अपराध में तत्कालीन विवचेक थाना प्रभारी नरेन्द्र गोमे द्वारा उस प्रकरण में खात्मा करने एवं लड़की का बयान लेखकर थाने पर सुपुर्द करने के लिए 10,000 रुपए रिश्वत की मांग की गई थी।

रिश्वत मांगने की शिकायत की थी लोकायुक्त से
उक्त शिकायत पर लोकायुक्त द्वारा मामला पंजीबद्ध कर 18 फरवरी 2015 मय ट्रेप दल व फरियादी थाना पिपलौदा पहुंचे, जहां आवेदक छगनलाल द्वारा फिनाफ्थीलीन पाउडर लगे 10,000 रुपए 500-500 के 20 नोट रिश्वत की राशि लेकर थाने के अन्दर तत्कालीन निरीक्षक नरेन्द्र गोमे के कक्ष में उससे मिला व नरेन्द्र गोमें के कहने पर रिश्वत की राशि उनकी टेबल पर रखी। फाईल के अन्दर रख दिए, तब आरक्षक रमेश सुलिया ने निरीक्षक नरेन्द्र गोमे कहने पर उक्त रिश्वत की राशि 10,000 रुपयों को फाईल में से उठाकर थाने के पीछे चला गया।

लोकायुक्त दल ने दी दबिश, किया गिरफ्तार
लोकायुक्त दल द्वारा दबिश देकर निरीक्षक नरेन्द्र गोमे व आरक्षक रमेश सुलिया को पकडकर रिश्वत की राशि कुल 10,000 रुपए रमेश सुलिया के निशाःदेही से थाने के पीछे खेत में पेड़ के नीचे झाडियों में से अखबार में लपेटे हुए बरामद किए। आरक्षक के हाथ धुलवाने पर घोल का रंग गुलाबी हो गया था। रिश्वत की राशि को जप्त कर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

तर्को से सहमत हो कर सुनाया फैसला
प्रकरण में आवश्यक अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र आरोपियों के विरूद्ध धारा 7,13(1)डी,13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 एवं 120बी व 201 भादवि में विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विचारण उपरांत विशेष न्यायालय द्वारा अपने निर्णय 20 जनवरी 2021 को दोनों आरोपियों को दोषसिद्ध पाते हुए आरोपी निरीक्षक नरेन्द्र गोमे को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2) में 04 वर्ष सश्रम कारावास व 3,000 रुपए अर्थदण्ड एवं 120 बी भादवि में 01 वर्ष सश्रम कारावास व 3,000 रुपए अर्थदण्ड एवं सहआरोपी आरक्षक रमेश सुलिया को 120बी भादवि में 04 वर्ष सश्रम कारावास व 3,000 रुपए अर्थदण्ड एवं 201 भादवि में 01 वर्ष व 1,000 अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।

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