Funeral by Daughters : बेटियों ने मां की अर्थी को कन्धा देकर दी अंतिम बिदाई
रतलाम,26 दिसम्बर (इ खबरटुडे)। आमतौर पर कहा जाता है कि महिलाएं किसी भी मामले में पुरुषों से पीछे नहीं है, लेकिन आमतौर पर किसी व्यक्ति की मृत्यु के समय शवयात्रा और अंतिम संस्कार में महिलाएं शामिल नहीं होती। ऐसे में जब महिलाओं द्वारा किसी शवयात्रा में अर्थी को कन्धा देने की बात सामने आती है,तो लगता है कि सचमुच महिलाएं किसी भी मामले में पुरुषों से पीछे नहीं है। ऐसी ही घटना आज रतलाम में देखने को मिली जब बेटियों ने अपनी मां की अर्थी को कन्धा देकर उन्हे अंतिम बिदाई दी।
कसेरा समाज के स्व. रामचन्द्र कसेरा की धर्मपत्नी श्रीमती हीरीबाई कसेरा का 95 वर्ष की आयु में शनिवार को निधन हो गया। स्व.श्रीमती हीरीबाई की दस पुत्रियां है जबकि पुत्र कोई नहीं है। उनकी बडी बेटी श्रीमती गïट्टूबाई स्वयं 77 वर्ष की है। स्व.श्रीमती हीरीबाई की दसों पुत्रियों ने माताजी के निधन पर यह निर्णय लिया कि वे स्वयं ही उन्हे अंतिम बिदाई देंगी। स्व.श्रीमती हीरीबाई की दसों पुत्रियों ने अपनी माता की अर्थी को कन्धा देकर उन्हे त्रिवेणी मुक्तिधाम पंहुचाया,जहां उनके सबसे बडे नाती महेन्द्र कसेरा ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी। अपनी माता की अर्थी को कन्धा देकर उन्हे अंतिम बिदाई देने के इस निर्णय की समाज में हरओर प्रशंसा की जा रही है। स्व.श्रीमती हीरीबाई की पुत्रियों ने अपने इस कदम से पूरे समाज को नई प्रेरणा दी है। उनकी पुत्रियो ने बताया कि उनकी स्वर्गीय माता जी 95 वर्ष की आयु होने के बावजूद अंतिम समय तक पूर्णत: आत्मनिर्भर थी और अपने सारे काम स्वयं ही करती थी।