November 23, 2024

CM in Ujjain: दो घंटे देरी से पहुंचे “मामा” के लिए कोरोना से बेखौफ हो कर डटे रहे किसान

-उज्जैन के किसान सम्मेलन में पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज चोहान को देखने के लिए मानो किसानो का जन सेलाब उमड़ पड़ा

उज्जैन,15 दिसम्बर (इ खबरटुडे/ब्रजेश परमार)। सामाजिक न्याय परिसर में आयोजित किसान सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज चौहान 02 घंटे देरी से पहुंचे इसके बावजूद “मामा” के लिए कोरोना से बेखौफ होकर किसान जमकर जमे रहे।ठंड और शीतलहर की स्थिति के बावजूद यह स्थिति कार्यक्रम स्थल पर देखने को मिली। शिवराज के लिए मानो किसानों का जन सेलाब उमड़ पड़ा था।

हालाकी समय दो घंटे देरी से पहुंचने के बाद भी किसान उन्हे देखने के लिए डटा रहा लेकिन देरी से पहुंचने का कारण खराब मोसम के हो जाने के चलते शिवराज का स्टेट प्लेन उज्जैन नहीं उतर पाया और वे इन्दोर में प्लेन से उतरकर सड़क मार्ग से उज्जैन किसान सम्मेलन में पहुंचे ।उनके साथ में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा भी पहुंचे थे। कार्यक्रम स्थल पर उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा, मंत्री इन्दसिह परमार, मंत्री हरदीप सिंह डग सहीत सांसद विधायको का दल ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।यहीं पर उन्हें किसानों ने हल भेंट किया ।

दिल्ली में हो रहे किसानों के आंदोलन की सुगबुगाहट मध्य प्रदेश के उज्जैन में भी देखने को मिली जहां खुद पहुंचे प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने तीनों कानून को किसानों के साथ सकारात्मक तस्वीरों में बदल दिया । जिसका समर्थन खुद किसानों ने हाथ खड़े कर कर किया।

शिवराज बोले राहुल को पता नहीं भिंडी सीधी लगती है या उल्टी-
शिवराजने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए फसल को लेकर भिंडी जैसी सब्जी को बताया कि राहुल को पता भी है भिंडी सीधी लगती है या उल्टी उन्हें इस बात की भी जानकारी नहीं है तो फिर कैसे नेता है ? वह बात करते हैं शिवराज किसान पुत्र है जबकि मैं तो खुद किसान ही हूं। किसानों के जन समुदाय के सामने शिवराज ने किसानों के खातों में जो पहली किस्त डाली थी उसके बाद 18 दिसंबर को 1600 सौ करोड रुपए फिर से डालने की बात कही जिसको लेकर किसानों के चेहरे पर खास रंगत देखी गई ।

शिवराज ने इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी हासिए पर लेते हुए कहा कि सवा साल का मेरा वनवास था जो खत्म हो चुका है लेकिन हैरत भरी बात यह है कि केंद्र सरकार में जब किसानों की सूची मांगी गई थी तो कमलनाथ ने वो भी नहीं भेजी अगर भेज देते तो किसानों का कब का फायदा हो जाता लेकिन जो काम मुझे करना था नहीं करूंगा और कमलनाथ ने तो किसानों की बीमा राशि के करोड़ो रूपए डकार कर बैठ गए। कार्यक्रम में किसानों को संबोधित करने के बाद उज्जैन से इंदौर के लिए रवाना हो गए।

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