भारत बंद से पहले सरकार को मिला 20 किसान संगठनों का साथ, कृषि बिल पर दिया समर्थन
नई दिल्ली,08 दिसंबर (इ खबर टुडे )। नए कृषि कानूनों (New Agriculture Bill) को लेकर सरकार और किसानों के मदभेद बढ़ता जा रहा है. पिछले करीब 12 दिनों से हजारों की संख्या में किसान दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हैं. केंद्र सरकार के साथ कई दौर की वार्ता के बाद भी किसानों के तेवर तल्ख हैं.
वो आज भी अपनी मांगों पर डटे हुई हैं. ऐसे में सोमवार को पंजाब के 20 किसान संगठन के नेताओं ने केंद्र को अपना समर्थन देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) से मुलाकात की.
इस दौरान तोमर ने कहा कि किसान अपनी फसल को रोक नहीं पता. इसलिए उसे फसल के वाजिब दाम नहीं मिलते. मंडियों में क्या हालात हैं, इससे सभी वाकिफ हैं. इसी परिस्थिति को बदलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन नए कृषि बिल संसद में पेश किए थे, जो बाद में कानून बन गए. केंद्र सरकार की कोशिश है कि खेती के क्षेत्र में निजी निवेश किसानों तक पहुंचे.
निजी निवेश के दरवाजे कृषि कानूनों से हुए खुल सकें है. इस निवेश से खेती में भी फायदा होगा. वहीं निजी निवेश के चलते गांवों में भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. इसी के चलते दो करोड़ के लोन पर 3 प्रतिशत ब्याज की सब्सिडी भी मिलती है. लेकिन किसान नेता इसे समझ नहीं पा रहे हैं. वे आंदोलन पर अड़े हैं. उन्होंने आगे कहा कि ये आंदोलन तो चलेगा, हम इससे निपटेंगे.