November 22, 2024

कोर्ट में नहीं मौजूद रहेंगे आडवाणी, जोशी, उमा और दो अन्य आरोपी,

लखनऊ,30 सितंबर(इ खबर टुडे )। 28 साल बाद बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में बड़ा फैसला आना वाला है। इस केस में बीजेपी के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी मुरली मनोहर जोशी उमा भारती समेत 32 आरोपियों पर लखनऊ की सीबीआई अदालत फैसला सुनाएगी। कोर्ट ने सभी आरोपियों को कोर्ट में मौजूद रहने को कहा था लेकिन फिलहाल पांच आरोपी कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सकेंगे।

बताया जा रहा है कि लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, रामचंद्र खत्री और सुधीर कक्कड़ सीबीआई कोर्ट में उपस्थित नहीं रहेंगे। पांचों आरोपियों की तरफ से उनके वकील कोर्ट में प्रार्थनापत्र दे सकते हैं।

आडवाणी का स्वास्थ्य ठीक नहीं
लालकृष्ण आडवाणी की उम्र 92 साल है। उम्र अधिक होने के कारण वह ठीक से चलने-फिरने में असमर्थ हैं। उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है। ऐसे में वह कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सकते हैं। उनके वकील कोर्ट में प्रार्थनापत्र दे सकते हैं।

उमा भरती कोरोना पॉजिटिव इसलिए नहीं आ सकेगीं
वहीं उमा भारती को बीते सोमवार को कोरोना वायरस पॉजिटिव मिला था। उनकी तबीयत खराब होने के बाद उन्हें ऋषिकेश के एम्स में भर्ती कराया गया है। उमा भारती के अस्पताल में होने के चलते वह कोर्ट में नहीं आ सकती हैं। उनकी भी गैर मौजूदगी रहेगी।

बाबरी विध्वंस केस की सुनवाई कर रहे अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश एस के यादव अगर इस मामले में बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार और साध्वी रितंभरा को दोषी ठहराते हैं तो उनको अधिकतम 5 साल की सजा हो सकती है।

अगर कोर्ट यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह, साक्षी महाराज और फिरोजाबाद के तत्कालीन डीएम आरएम श्रीवास्तव को दोषी ठहराएगी तो उन्हें अधिकतम 3 साल की सजा हो सकती है।

बाबरी विध्वंस मामले में आरोपी महंत नृत्य गोपाल दास, राम विलास वेदांती, राम मंदिर ट्रस्ट के चंपत राय, सतीश प्रधान, धरम दास अगर विध्वंस में मामले में दोषी पाए जाएंगे तो उन्हें अधिकतम 5 साल की सजा हो सकती है।

बीजेपी सांसद ब्रजभूषण सिंह, पूर्व विधायक पवन कुमार पांडेय, जय भगवान गोयल और ओम प्रकाश पांडेय को अगर अदालत दोषी ठहराती है तो उन्हें अधिकतम उम्रकैद की सजा हो सकती है।

बाबरी विध्वंस केस के आरोपी फिरोजाबाद के सांसद लल्लू सिंह, मध्य प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया, आचार्य धर्मेंद्र देव, रामजी गुप्ता, प्रकाश शर्मा, धर्मेंद्र सिंह गुर्जर और कारसेवकों रामचंद्र खत्री, सुखबीर कक्कर, अमन नाथ गोयल, संतोष दुबे, विनय कुमार राय, कमलेश त्रिपाठी, गांधी यादव, विजय बहादुर सिंह, नवीन भाई शुक्ला को अधिकतम उम्रकैद की सजा हो सकती है।

दो अन्य आरोपी इसलिए नहीं रहेंगे मौजूद
आडवाणी और उमा के अलावा जोशी की उम्र भी बहुत ज्यादा है वह भी कोर्ट में नहीं आ सकते हैं। एक अन्य आरोपी रामचंद्र खत्री हरियाणा के सोनीपत की जेल में एक दूसरे केस को लेकर बंद हैं, जिसके कारण उनकी भी उपस्थिति कोर्ट में नहीं हो सकती है। कारसेवक सुधीर कक्कड़ भी मौजूद नहीं रहेंगे।

गैर मौजूदगी में कोर्ट यह ले सकता है फैसला
विशेषज्ञों की मानें तो आरोपियों की गैर मौजूदगी में कोर्ट फैसले को टाल सकता है। वकील रवि सिंह ने बताया कि कोर्ट या तो फैसला टाल सकता है या आरोपियों की अनुपस्थिति में फैसला दे सकता है। अगर आरोपियों को बरी किया जाता है तो कोर्ट फैसला सुना देगा। वहीं अगर आरोपियों को दोषी करार दिया जाता है तो जो दोषी कोर्ट में मौजूद नहीं होंगे, उनके खिलाफ तत्काल एनबीडबल्यू जारी किया जा सकता है।

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