नहीं दी जाए जीएम बीजों के परीक्षण की अनुमति
भारतीय किसान संघ ने जीएम बीजों पर जताया तीव्र विरोध,जी.ई.ए.सी.कमेटी को करें भंग
नई दिल्ली,21 जुलाई (इ खबरटुडे)। केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय की जी.ई.ए.सी समिति द्वारा भारत के खेतों में जीएम बीजों के परीक्षण को अनुमति देने के प्रयास में है,जबकि वैज्ञानिकों ने अब तक जीएम बीजों के मानव स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त नहीं माना है और ना ही इस सम्बन्ध में कोई अनापत्ति जारी की है। भारतीय किसान संघ ऐसे किसी भी प्रयास का पुरजोर विरोध करेगा। किसान संघ के लिए विरोध के सारे रास्ते खुले है।
किसान संघ द्वारा जारी एक प्रेस बयान में संघ के राष्ट्रीय महामंत्री प्रभाकर केलकर ने कहा है कि जेनेटिकली मोडीफाईड (जीएम) बीजों के परीक्षण का मामला लम्बे समय से विवादों में घिरा हुआ है। भारी जनविरोध के चलते पिछली यूपीए सरकार ने खेतों में जीएम बीजों के परीक्षण की योजना को वापस ले लिया था। लेकिन हाल ही में पर्यावरण मंत्रालय की जी.ई.ए.सी. जेनेटिक इंजीनियरिंग एप्रुवल कमेटी के चेयरमेन श्री हेम पाण्डे द्वारा जारी वक्तव्य से यह आभास मिलता है कि जीएम बीजों के खेतों में परीक्षण को अनुमति देने की तैयारी चल रही है।
श्री केलकर ने बताया कि वर्तमान स्थिति यह है कि जीएम बीजों के परीक्षण का मामला न्यायालय में विचाराधीन है और न्यायालय की विशेष समिति ने इस पर अपनी नकारात्मक टिप्पणी दी है। पिछली संसद की स्थाई समिति भी इस परीक्षण पर अपनी असहमति व्यक्त कर चुकी थी। इन्ही कारणों के चलते पिछली यूपीए सरकार को भारी जनविरोध को देखते हुए इस निर्णय को वापस लेना पडा था।
श्री केलकर ने कहा कि खेतों में जीएम बीजों के परीक्षण को वर्तमान सरकार ने स्वीकार किया है या नहीं,यह अभी स्पष्ट नहीं है,लेकिन जीईएसी कमेटी के चेयरमेन के संक्षिप्त वक्तव्य के कारण भ्रम की स्थिति बन रही है। यह भी पता नहीं चल रहा है कि धान,चना,बैंगन,सरसों जैसी खाद्य वस्तुओं के लिए समिति ने किससे अनुमति ली है। जीएम बीजों का मुद्दा मानव स्वास्थ्य के लिए अतिसंवेदनशील मुद्दा है और पूरा देश इसके बारे में जानना चाहता है।
श्री केलकर ने कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार से किसान संघ की अपेक्षा है कि वह पर्यावरण मंत्रालय की उक्त कमेटी को तत्काल भंग करें। उन्होने कहा कि भारतीय किसान संघ पर्यावरण मंत्री और भारत सरकार से आग्रह करता है कि इस तरह के परीक्षणों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए। किसान संघ सरकार को स्मरण कराना चाहता है कि चुनाव अभियान के दौरान अपने घोषणापत्र में भाजपा ने जीएम बीजों का विरोध किया था।