रतलाम :शहर में लगभग 6 हजार स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण मिलेगा,कलेक्टर की समीक्षा
रतलाम 27 जुलाई (इ खबरटुडे)। राज्य शासन द्वारा पथ पर विक्रय करने वाले व्यक्तियों को धंधे, स्वरोजगार के लिए ऋण उपलब्ध कराने की योजना के तहत अब तक शहर के 130 स्ट्रीट वेंडर्स को बैंकों द्वारा ऋण उपलब्ध कराया जा चुका है।
इन्हें 10-10 हजार रूपए के ऋण उपलब्ध कराए जा रहे हैं ताकि फेरीवाले, पथ पर विक्रय करने वाले व्यक्ति अपने रोजगार को और उन्नत कर सके, अपने जीवन को तरक्की के पथ पर ले जा सके। यह जानकारी कलेक्ट्रेट में संपन्न बैठक में दी गई।
कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान द्वारा योजना क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए बैंकर्स को तेजी से ऋण स्वीकृति एवं वितरण के निर्देश बैठक में दिए गए। इस दौरान सीईओ जिला पंचायत संदीप केरकेट्टा, निगम आयुक्त सोमनाथ झारिया, उपायुक्त विकास सोलंकी, सहायक आयुक्त सुशील ठाकुर, सिटी मिशन मैनेजरद्वय नितिन तिवारी,कपिल मारोठिया, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक राकेश गर्ग तथा बैंकर्स उपस्थित थे।
बताया गया कि पथ पर विक्रय करने वाले व्यक्तियों तथा फेरी वालों द्वारा पोर्टल पर ऋण के लिए अपना पंजीयन कराया गया है। नगर निगम द्वारा उनका सत्यापन कराया जा रहा है। सत्यापन पश्चात पात्र व्यक्तियों को ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
अब तक बैंकों द्वारा 307 व्यक्तियों के प्रकरण स्वीकृत किए जा चुके हैं तथा 130 को ऋण वितरण भी किया जा चुका है। प्रक्रिया निरंतर जारी है, इसके लिए बैंकर्स को पासवर्ड, आईडी उपलब्ध कराए जा चुके हैं। कलेक्टर ने स्ट्रीट वेंडर्स के आधार नंबर की बैंकों द्वारा पोर्टल पर एंट्री किए जाने की भी समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि प्रतिदिन कम से कम 40 व्यक्तियों के आधार नंबर पोर्टल पर प्रविष्टि किए जाएं।
पीएम आवास योजना में भी तेजी से ऋण स्वीकृति के निर्देश बैंकर्स को दिए गए
बैठक में कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान द्वारा पीएम आवास योजना में शहर के हितग्राही परिवारों को ईडब्ल्यूएस आवास उपलब्ध कराने के लिए क्रियान्वयन की समीक्षा की गई। कलेक्टर ने बैंकर्स को ऋण प्रक्रिया ने तेजी लाने के लिए निर्देशित किया। बताया गया कि शहर के अजंता टॉकीज रोड क्षेत्र, प्रकाश नगर तथा शिवशंकर नगर क्षेत्रों के 432 सूचीबद्ध गरीब परिवारों को डोसी गांव तथा मुखर्जी नगर क्षेत्र में नगर निगम द्वारा निर्मित किए गए ईडब्ल्यूएस आवास प्रदाय किए जाना है। इसके लिए डेढ़ लाख रुपए केंद्र शासन, डेढ़ लाख रुपए राज्य शासन तथा दो लाख 85 हजार रुपए नगर निगम द्वारा सब्सिडी सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। हितग्राही अंशदान 2 लाख रुपए का है। अंशदान राशि उपलब्धता के लिए हितग्राही परिवारों को बैंक ऋण उपलब्ध कराए जा रहे हैं, इसके अलावा 20 हजार रूपए प्रति परिवार मार्जिनमनी भी रहेगी।
441 समूहों को 1294 लाख रूपए ऋण राशि मिलेगी
बैठक में कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों को बैंकों से ऋण उपलब्ध कराने की समीक्षा भी की गई। बताया गया कि जिले के 441 महिला स्वयं सहायता समूह को कुल 1294 लाख रूपए ऋण राशि उपलब्ध कराई जाएगी जिसमें 92 प्रतिशत प्रकरण बैंकों में प्रस्तुत कर दिए गए हैं। अब तक 69 प्रकरणों में 192 लाख रुपए ऋण राशि स्वीकृत की जा चुकी है।
कलेक्टर द्वारा बैंकवार ऋण उपलब्ध कराए जाने की समीक्षा की गई। जिन बैंकों की प्रगति कमजोर पाई गई उनको तेजी से कार्य करने के लिए निर्देशित किया गया। उल्लेखनीय है कि स्वयं सहायता समूह में शामिल महिलाओं को आर्थिक स्वरोजगार एवं तरक्की के लिए शासन द्वारा ऋण राशि उपलब्ध कराई जा रही है ताकि वे अपने स्वरोजगार को उन्नत स्तर पर ले जा सके। कलेक्टर ने बैंकर्स को निर्देशित किया कि जिन बैंकों में पिछले 15 दिनों से स्वयं सहायता समूहों को ऋण उपलब्ध कराए जाने के प्रकरण लगाए गए हैं वे आगामी 7 दिवस में ऋण स्वीकृति जारी कर दें।
बैंक शाखाओं में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए कड़े उपाय बैंकर्स को करना ही होंगे
बैठक में कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने कोरोना संक्रमण के मद्देनजर कड़ाई से निर्देशित किया कि बैंक शाखाओं में सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित की जाए। इसके लिए जो भी कड़े उपाय करना होंगे, हर हाल में किए जाएं।
कलेक्टर ने कहा कि यदि बैंक शाखाएं सेनीटाइजर रख रही हैं तो सोशल डिस्टेंसिंग के लिए दो वर्कर भी अनिवार्य रूप से रखें, जिनके द्वारा शाखाओं में आने वाले व्यक्तियों के मध्य सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित की जा सकें। कलेक्टर ने कहा कि यदि बैंकों में सोशल डिस्टेंसिंग नहीं रखी गई तो बैंक प्रबंधकों के विरुद्ध धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज कराए जाएंगे।