सहकारिता से जुड़ी संस्थाएं एवं फेडरेशन यदि ठीक से कार्य करती तो देश की आधी गरीबी दूर हो सकती थी
सहकार भारती के दो दिवसीय सम्मेलन का उद्धाटन करते हुए श्री माथुर ने कहा
रतलाम 12 जुलाई (इ खबरटुडे)। भारतीय जनता पार्टी सहकारिता एवं अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ के मार्गदर्शक भगवतशरण माथुर ने यहां कहा कि सहकारिता में व्याप्त विसंगतियों को दूर करने के लिए सहकार भारती का गठन किया गया है। इस सम्मेलन में क्या खोया-क्या पाया इस पर चिन्तन-मनन करना चाहिए, साथ ही सहकारिता का ऐसा माडल तैयार करें जिससे लोग प्रेरणा ले सकें। देश में आज अनुकूल वातावरण है, इस वातावरण में क्या ठीक किया जा सकता है, यह चुनौती हमारे सामने आई है। इसका हम कैसे मुकाबला करें। इस संकल्प के साथ हम यहां से जाएं।
श्री माथुर ने यह बात म.प्र. सहकार भारती के दो दिवसीय सम्मेलन के अवसर पर व्यक्त किए। संतकंवररामनगर में आयोजित इस सम्मेलन में उन्होंने कहा कि आज देश में सहकारिता का जो वातावरण होना चाहिए, वह नहीं है क्योंकि सहकारिता से जुड़ी संस्थाएं और फेडरेशन यदि सही तरीके से कार्य करती तो आजादी के बाद देश की आधी गरीबी को दूर किया जा सकता था। साधना और आराधना से कार्य करेंगे तो संस्कार आएंगे। लोग सहकार भारती को आशाभरी निगाह से देख रहे हैं। सहकारिता के प्रति विश्वास का जो संकट आया है, उसे समर्पण और लक्ष्य के साथ पूरा करना है। अधिक से अधिक लोग सहकारिता से जुड़ें और उनके माध्यम से समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति का कल्याण कर सके, यही आज का मुख्य उद्देश्य है।
राष्ट्रीय महामंत्री जीतू भाई व्यास ने कहा कि लोक कल्याण के परिवर्तन का दौर शुरू हो गया है। सहकारिता के क्षेत्र में हमें आदर्श, सिध्दान्त और नैतिक मूल्यों के आधार पर हमें कार्य करना है। विश्व में सबसे बड़ा कार्पोरेटिव मूवमेंट भारत में है, जहां 57 प्रकार की सहकारी संस्थाएं हैं जो विश्व में यूनिक हैं। 27 करोड़ से अधिक लोग विभिन्न सहकारी संस्थाओं के माध्यम से सहकारी आन्दोलन को मजबूत बनाने में लगे हुए हैं। सहकारिता नेचर, कल्चर और स्प्रीट को विकसित करना हमारा संकल्प है। उन्होंने कहा कि समाज के हर वर्ग तक पहुंचने का माध्यम सहकारिता है। केवल भारत माता के नारे लगाने से हम परम वैभव तक नहीं पहुंच सकते। हमें इसके लिए अपनी जिम्मेदारी और दायित्व का समर्पण भाव से निर्वाह करना होगा।
प्रांतीय अध्यक्ष भरत चतुर्वेदी ने प्रदेश में चल रही संगठन की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। मालवा प्रांत के अध्यक्ष रामचन्द्र गोयल ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर अतिथिद्वय का शरद जोशी, मालवा प्रांत के कोषाध्यक्ष सुभाष मंडवारिया, जिलाध्यक्ष देवेन्द्र शर्मा, महामंत्री रमेश बदलानी, नगर अध्यक्ष सुनील पोरवाल ने शॉल, श्रीफल से अभिनन्दन किया। महिला प्रकोष्ठ की जिला संयोजिका जीवन ज्योति, अंजू रांका, मीना टांक, सुनीता सिसौदिया, अनिता पाहूजा, तारा सोनी, संगीता बैरागी, मनीषा राठौड़, प्रक़ाशकुंवर, शबाना खान, गायत्री, मंजू भाटी ने भी अतिथि स्वागत किया।
आज सम्मेलन के विभिन्न सत्रों में राष्ट्रीय महामंत्री जीतू भाई व्यास, इंदलसिंह सेंगर तथा डेरी के भविष्य संबंधी विषंय पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष माडगे ने संबोधित किया। अध्यक्षता देवेन्द्र शर्मा ने की। संगठन एवं पदाधिकारियों के दायित्व विषय पर राष्ट्रीय संगठन मंत्री विजय देवांगन ने विचार रखे। अध्यक्ष सुभाष मण्डवारिया ने की।
सम्मेलन का समापन आज – मीडिया प्रभारी शरद जोशी ने बताया कि दो दिवसीय सम्मेलन का समापन राष्ट्रीय सहकारी संघ के पूर्वअध्यक्ष सांसद दिलीपसिंह भूरिया के मुख्य आतिथ्य में, विधायक चेतन्य काश्यप की अध्यक्षता में दोपहर 12.00 बजे आयोजित किया गया है। इसके पूर्व विभिन्न सत्रों में संगठन की कार्यवाही सम्पन्न होगी।