इंदौर शहर को तीन जोन में बांटकर लॉकडाउन खोलने की तैयारी
इंदौर,25 मई (इ खबरटुडे)। जैसे-जैसे 31 मई नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे शहर में लॉकडाउन खोलने और न खोलने को लेकर शहरवासियों की जिज्ञासा बढ़ती जा रही है। इस बीच जिला प्रशासन कुछ प्रतिबंधों के साथ लॉकडाउन खोलने की कार्ययोजना बना रहा है।
मोटे तौर पर जो जानकारी सामने आई है, उसके तहत शहर को तीन जोन में बांटकर लॉकडाउन में राहत दी जाएगी। जोन-1 में शहर का मध्य क्षेत्र और अति संक्रमित क्षेत्र शामिल रहेगा। जोन-2 में शहर का बाकी और आउटर हिस्सा शामिल रहेगा, जबकि जोन-3 में 29 गांव रहेंगे।
जोन-1 मध्य क्षेत्र : गंगवाल बस स्टैंड क्षेत्र से लेकर महूनाका, कलेक्टोरेट, गाड़ी अड्डा ब्रिज, सरवटे बस स्टैंड, पुराना रेलवे स्टेशन, नया रेलवे स्टेशन, राजकुमार ब्रिज, डीआरपी लाइन चौराहा, मरीमाता चौराहा, टाटा स्टील, पुलिस पेट्रोल पंप तिराहा, बड़ा गणपति से वापस गंगवाल।
जोन-2 नया इंदौर और आउटर शहर : इसमें शहर का शेष हिस्सा और बाहरी कॉलोनियां शामिल।
जोन-3 : 29 गांव का क्षेत्र
- कोरोना के लिहाज से तय शहर का जोन-1 पुलिस, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के लिए अधिक परेशानी का कारण है। यह शहर का मध्य क्षेत्र है जिसमें आबादी का अधिक घनत्व, संकरी सड़कें और संकरे बाजार हैं। इसमें अभी दुकानें खोलना मुश्किल है।
- इस बात पर विचार किया जा रहा है कि लोगों की डेली जरूरत की चीजें किराना, सब्जी आदि दुकानों से चार-छह घंटे उपलब्ध होने लगे। इसमें बिना कोई सिस्टम बनाए जन सामान्य को आराम से मिलने लगे।
- कुछ चीजें ऐसी होंगी जिनको सप्ताह में एक-दो बार भी खोला जाए तो शहरवासियों का काम चल सकता है। ऐसी सामग्री और सेवाओं की अलग सूची बनाई जा रही है।
- कुछ प्रतिष्ठान और गतिविधियां ऐसी होंगी जिनको अभी खोलना खतरनाक हो सकता है। साथ ही इनको न भी खोला जाए तो आम जनता को कोई परेशानी नहीं होगी। इसमें मॉल, इंटरटेनमेंट एरिया, सिनेमा, जिम आदि शामिल रहेंगे। एक टीम अति आवश्यक, कम आवश्यक और गैर जरूरी चीजों और सेवाओं की सूची बना रही है।
- जोन-3 में 29 गांव शामिल हैं। इसमें उद्योग, वेयर हाउस, गोदाम, कोल्ड स्टोरेज आदि खोलने की अनुमति प्रशासन पहले ही दे चुका है। यहां अन्य गतिविधियां जोन-2 के हिसाब से ही तय की जा सकती हैं।
लॉकडाउन खोलने के लिए सिंगापुर की तरह पैरामीटर अपनाने की रणनीति
लॉकडाउन खोलने के लिए वैसे तो हर वर्ग से सुझाव ले रहे हैं, लेकिन इसमें स्वास्थ्य विभाग की महती भूमिका है। इसलिए 10-12 डॉक्टरों की भी एक टीम बनाई गई है। यह टीम सुझाव देगी कि हमें लॉकडाउन खोलने के दौरान किन बातों पर निगरानी रखनी है। इसके लिए वैज्ञानिक आधार पर धीरे-धीरे लॉकडाउन को खोला जाएगा। सिंगापुर ने इस पर बहुत अच्छी तरह काम किया है।
उन्होंने डेजिग्नेटेड कोविड बेड (डीसीबी) को आधार बनाया है। तय किया है कि यदि शहर के अस्पतालों में 40 फीसदी बेड खाली हैं तो चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन खोलते जाएं, लेकिन जिस दिन आपके 60 फीसदी से अधिक बेड भरने लगें आप लॉकडाउन खोलने के अगले चरण को तुरंत रोक दीजिए। इस तरह के कुछ पैरामीटर हमें भी बनाने होंगे। इसके लिए आइसीयू बेड या वेंटीलेटर के मरीजों को आधार बनाया जा सकता है। इस पर विचार किया जा रहा है। – डॉ. निशांत खरे, कोविड नियंत्रण को लेकर राज्य सरकार की सलाहकार समिति के सदस्य