नांदेड़ बाल तपस्वी हत्याकांड का मुख्य आरोपी अरेस्ट, पुलिस ने बताया आरोपी मृत साधु का भक्त था
नांदेड़ ,24 मई (इ खबरटुडे)। महाराष्ट्र पुलिस ने नांदेड़ बाल तपस्वी हत्याकांड मामले में साईनाथ लंगोटे नामक व्यक्ति को तेलंगाना से अरेस्ट किया गया है। कोर्ट ने पुलिस को उसकी ट्रांजिट रिमांड दे दी है।
पुलिस का कहना है आरोपी उसी गांव का है और पहले उसने अपने सहयोगी की हत्या की थी। इससे पहले जानकारी मिली थी कि रात 12 के आसपास लिंगायत समुदाय के रुद्र पशुपति महाराज नामके साधु की हत्या करके हत्यारा फरार हो गया।
पूरे घटनाक्रम के बारे में एसपी विजयकुमार मगर ने बताया कि आरोपी ने पहले साधु के ऊपर मिर्च डाली, दोनों के बीच हाथापाई हुई। उसके बाद उसने साधु का गला दबाकर मारा। वह साधु के पैसे, लैपटॉप वगैरह साधु के शव को गाड़ी में रखकर भाग रहा था। गाड़ी गेट में अटकी तो लोगों को जानकारी हुई। मौका मिलने पर आरोपी वहां से भाग निकला और मोटरसाइकिल चुराकर फरार हो गया। बाद में पुलिस ने उसे अरेस्ट किया है।
पहले भी चल चुका है हत्या का मुकदमा
इससे पहले आरोपी साईनाथ पर 10 साल पहले अपने पिता के साथ मर्डर का केस दर्ज है, 15-20 दिन पहले उस पर एक लड़की के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगा था। एसपी के अनुसार आरोपी का उद्देश्य पहली नजर में लूटपाट पहली नजर में उद्देश्य लग रहा है। बताया जाता है कि वह साधु का भक्त था।
एसपी के अनुसार ऐसा लग रहा है कि उसने अपने साथी भगवान शिंदे को इसलिए मारा क्योंकि वह सुबह से उसके साथ था पर शायद वह इस अपराध में शामिल होने से इनकार कर रहा था इसलिए भंडाफोड़ न हो इसलिए आरोपी ने उसकी हत्या कर दी।
आरोपी दरवाजा तोड़कर अंदर नहीं घुसा
बताया जाता है कि आरोपी आश्रम का दरवाजा तोड़कर अंदर नहीं घुसा था बल्कि गेट अंदर से खोला गया था। साधु की हत्या करने के बाद आरोपी साईनाथ ने उनके शव को ठिकाने लगाने की भी कोशिश की थी। उसने साधु के शव को उनकी ही कार में रखकर ले जाने की कोशिश की लेकिन कार गेट में ही फंस गई। इससे मठ के छत पर मौजूद आश्रम के दो सेवादार जाग गए। उन्होंने भागकर आरोपी को पकड़ने की कोशिश की लेकिन वह भागने में कामयाब रहा। इसी बीच रविवार सुबह जिला परिषद स्कूल के पास एक और डेड बॉडी मिली।
अशोक चव्हाण ने घटना की निंदा की
वहीं, इस बीच प्रदेश सरकार में मंत्री अशोक चव्हाण ने घटना की निंदा की है। उन्होंने पुलिस को मामले में आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया है। इससे पहले पालघर में जूना अखाड़े के दो साधुओं की भीड़ ने हत्या कर दी थी, जिसके बाद महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था को लेकर उद्धव सरकार की काफी आलोचना हुई थी। मामला देशभर में चर्चा का विषय बना था।