MP मामले में SC का फैसला- फ्लोर टेस्ट पर सही था राज्यपाल का आदेश, कांग्रेस की याचिका खारिज
नई दिल्ली,13 अप्रैल (इ खबरटुडे)। देश में जारी कोरोना वायरस महामारी के संकट से इतर सुप्रीम कोर्ट का कामकाज जारी है. अदालत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने अहम मामलों को निपटा रही है. इसी कड़ी में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से दायर याचिका पर फैसला सुनाया. सर्वोच्च अदालत का कहना है कि मार्च में हुए मामले में राज्यपाल के द्वारा फ्लोर टेस्ट का आदेश देना सही था.
ऐसे में अदालत ने अभिषेक मनु सिंघवी की ओर से दिए गए उस तर्क को नकार दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्यपाल ऐसा आदेश नहीं दे सकते हैं. यानी सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस की याचिका को नकार दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि राज्यपाल ने तब खुद को निर्णय नहीं लिया, बल्कि सिर्फ फ्लोर टेस्ट कराने को कहा. एक चलती हुई विधानसभा में दो तरह के ही रास्ते बचते हैं, जिसमें फ्लोर टेस्ट और नो कॉन्फिडेंस मोशन ही है. अदालत ने इस दौरान राज्यपाल के अधिकारों को लेकर एक विस्तृत आदेश भी जारी किया.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के गवर्नर लालजी टंडन ने सियासी उठापटक के बीच विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया था. लेकिन, जब सदन की शुरुआत हुई तो विधानसभा स्पीकर ने सदन को कोरोना वायरस के चलते कुछ दिनों के लिए टाल दिया था. जिसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था.