कारपोरेट फंड से विद्यालयों का कायापलट,दस सरकारी स्कूलों में जुटाई अट्ठाइस लाख की सुविधाएं
रतलाम,28 दिसंबर (इ खबरटुडे)। कम बजट के चलते आमतौर पर सरकारी स्कूलों की हालत खराब रहती है। कहीं फर्निचर नहीं है,तो कहीं पीने के पानी की सुविधा नहीं है। सरकारी स्कूलों की हालत सुधारने के लिए पहली बार कारपोरेट कंपनियों को जोडा गया है। अब कारपोरेट कंपनियों के सीएसआर फण्ड से स्कूलों का कायापलट किया जा रहा है।
यह अनोखी पहल जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी संदीप केरकेट्टा द्वारा की गई है। सीईओ श्री केरकेट्टा ने जिले के सरकारी स्कूलों की स्थिति सुधारने के लिए जिले में कार्यरत विभिन्न कारपोरेट कंपनियों को प्रेरित किया। वास्तव में प्रत्येक कारपोरेट कंपनी को अपनी आय का कुछ प्रतिशत सामाजिक कार्यों के लिए व्यय करना होता है। इस फण्ड को सीएसआर (कारपोरेट सोश्यल रिस्पांसबिलिटी) कहा जाता है। श्री केरकेट्टा की पहल पर जिले में कार्यरत विभिन्न विण्ड एनर्जी कंपनियों को अपना सीएसआर फण्ड शासकीय स्कूलों में सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए तैयार किया गया। श्री केरकेट्टा की पहल का परिणाम यह हुआ कि जिले के करीब दस स्कूलों में अट्ठाइस लाख रु. के विभिन्न कार्य कराए जा रहे है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार,जावरा के हाटपिपलिया और बर्डिया गोयल के शासकीय हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में एक हजार से अधिक छात्रों के लिए फर्निचर का निर्माण करवाया जा रहा है। इसी तरह रतलाम के सिमलावदा,बिलपांक और जवाहर हायर सेकेण्डरी स्कूल के तेरह सौ से अधिक छात्रों के लिए फर्निचर बनवाया जा रहा है। जबकि आलोट के ताल स्थित बालक हायर सेकेण्डरी और कन्या हायर सेकेण्डरी स्कूल व पिपलौदा के कालूखेडा हायर सेकेण्डरी स्कूल में पेयजल समस्या को हल करने के लिए बोरवेल खनन करवाया जा रहा है। एक अन्य विण्ड एनर्जी कंपनी के माध्यम से आलोट के खारवांकलां और रिंगनोद के हायर सेकेण्डरी स्कूलों के पन्द्रह सौ से अधिक छात्रों के लिए फर्निचर का निर्माण करवाया जा रहा है।
शैक्षणिक संस्थाओं को अधिक अच्छा करने के लिए सीएसआर फण्ड के अलावा शासकीय अधिकारियों को भी प्रेरित किया गया। जिले के शासकीय अधिकारियों ने अपना एक दिन का वेतन देकर करीब तीन लाख रु. की राशि एकत्रित की। इस राशि का उपयोग रतलाम के महारानी लक्ष्मीबाई कन्या हायर सेकेण्डरी स्कूल में अनेक कार्य करवाए जा रहे हैं। विद्यालय भवन की मरम्मत,रंग रोगन जैसे कामों के अलावा प्रयोगशाला में नए उपकरण आदि खरीदे जा रहे हैं।