केंद्र ने मानी मध्यप्रदेश की मांग, 2.88 लाख टन यूरिया कटौती वापस
भोपाल,13 दिसंबर (इ खबर टुडे)। केंद्र सरकार ने आखिरकार कमलनाथ सरकार की बात को मानते हुए दो लाख 88 हजार मीट्रिक टन यूरिया का अतिरिक्त कोटा देने का फैसला कर लिया है। अब प्रदेश को मांग के अनुरूप 18 लाख मीट्रिक टन यूरिया मिलेगा। केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर इस कदम की जानकारी दी है। साथ ही यह भी बताया कि दो-तीन दिन में 15 रैक यूरिया राज्य को मिल जाएगा। उन्होंने प्रदेश सरकार से वितरण व्यवस्था में सुधार लाने की बात भी कही है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर रबी सीजन के लिए प्रदेश की मांग 18 लाख मीट्रिक टन के अनुरूप यूरिया देने की बात उठाई थी। केंद्र सरकार ने इस वर्ष 15 लाख 40 हजार मीट्रिक टन यूरिया देने पर ही सहमति जताई थी।
दो लाख 60 हजार मीट्रिक टन यूरिया की कटौती किए जाने के साथ ही आपूर्ति भी लक्ष्य से कम हो रही थी। इसकी वजह से कई जगह वितरण प्रभावित हो रहा था। इसको लेकर गुरुवार को कृषि मंत्री सचिन यादव ने केंद्रीय उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा से मुलाकात कर पूर्ण कोटा देने और आपूर्ति तेजी के साथ करने की मांग रखी थी।
यादव ने शुक्रवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से भी मुलाकात की थी। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार की मांग को देखते हुए केंद्र ने 2.88 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त यूरिया का आवंटन देने का फैसला किया है। दिसंबर में चार लाख 25 हजार मीट्रिक टन की प्रदेश को यूरिया की जरूरत के विरुद्ध सात लाख 32 हजार मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति की गई है। 11 दिसंबर की स्थिति में प्रदेश के पास चार लाख मीट्रिक टन से ज्यादा यूरिया उपलब्ध है। पिछले 15 दिनों में 85 रेलवे रैक के माध्यम से प्रदेश को यूरिया भेजा गया है।
तोमर ने उठाए सवाल
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रदेश में खाद वितरण नेटवर्क में परिवर्तन के कारण वितरण में समस्या हुई है। सरकार ने 80 फीसदी यूरिया सहकारी क्षेत्र और 20 प्रतिशत निजी डीलरों के माध्यम से देने का निर्णय लिया है। पहले यह अनुपात 50:50 प्रतिशत था। ऐसा लगता है कि इस निर्णय के अनुरूप व्यवस्था न होने से यह समस्या पैदा हुई। उन्होंने भरोसा जताया है कि प्रदेश सरकार इस मामले में उचित कार्रवाई करेगी।
सभी समितियों से नकद बिकेगा खाद
सूत्रों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने खाद वितरण व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए शुक्रवार को सभी सहकारी समितियों से नकद में भी खाद बेचने का निर्णय लिया है। इसको लेकर सभी अधिकार कलेक्टरों को दिए हैं। वे ही तय करेंगे कि यूरिया वितरण को कैसे व्यवस्थित बनाया जा सकता है।