भगवान महाकाल की शाही सवारी, उमड़ेगा श्रद्धालुओं का सैलाब
उज्जैन,25 नवंबर(इ खबर टुडे)। कार्तिक-अगहन मास में सोमवार को भगवान महाकाल की शाही सवारी निकलेगी। महाकाल मंदिर से शाम 4 बजे राजाधिराज की पालकी शिप्रा तट की ओर रवाना होगी। परंपरागत मार्ग से होकर सवारी मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेगी। पुजारी भगवान महाकाल का जलाभिषेक कर पूजा अर्चना करेंगे। पूजन पश्चात सवारी पुन: मंदिर की ओर रवाना होगी।
2020 में श्रावण-भादौ मास में 7 सवारी निकलेगी
कार्तिक-अगहन मास में सोमवार को निकलने वाली शाही सवारी के बाद अब करीब आठ माह बाद श्रावण-भादौ मास में भगवान महाकाल की सवारी निकलेगी। ज्योतिर्विद पं.आनंदशंकर व्यास के अनुसार 2020 में श्रावण-भादौ मास में भगवान महाकाल की 7 सवारी निकलेगी।
इन मार्गों से निकली भगवान महाकाल की शाही सवारी
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार महाकाल की शाही सवारी महाकाल मंदिर से आरंभ होकर महाकाल घाटी, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारावाड़ी, रामानुजकोट तिराहा होते हुए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेगी। पुजारी शिप्रा जल से भगवान का अभिषेक कर पूजा करेंगे। पूजन के बाद महाकाल की सवारी राणौजी की छत्री घाट के रास्ते गणगौर दरवाजा से नगर में प्रवेश करेगी। मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, ढाबारोड, टंकी चौराहा, मिर्जा-नईम-बेग मार्ग, छोटा तेलीवाड़ा, कंठाल, सतीगेट, छोटा सराफा, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी होते हुए रात करीब 8 बजे वापस हाकाल मंदिर पहुंचेगी।
अगले वर्ष यह रहेगा सवारियों का कार्यक्रम
पहली सवारी 6 जुलाई, दूसरी 13 जुलाई, तीसरी सवारी सोमवती अमावस्या के दिव्य संयोग में 20 जुलाई, चौथी सवारी 27 जुलाई, पांचवी सवारी रक्षाबंधन के दिन 03 अगस्त, छठी सवारी 10 अगस्त तथा शाही सवारी 17 अगस्त को निकलेगी।