शिवसेना की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, संख्या बल बताने के लिए कम वक्त मिलने को चुनौती दी
मुंबई,13 नवंबर (इ खबरटुडे)। सरकार बनाने को लेकर महाराष्ट्र में 19 दिन से जारी उठापटक में मंगलवार को नया मोड़ आ गया। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने दोपहर में ही राज्य में 6 महीने के लिए राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी। इसे राष्ट्रपति की ओर से मंजूर कर लिया गया।
शिवसेना ने संख्याबल बताने के लिए भाजपा की तुलना में कम समय दिए जाने को लेकर राज्यपाल के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले में बुधवार को सुनवाई हो सकती है। पार्टी अन्य याचिका में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के फैसले को चुनौती देगी। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल शिवसेना की तरफ से पैरवी करेंगे।
राकांपा-कांग्रेस स्थिति स्पष्ट होने पर शिवसेना से बात करेंगे
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के बावजूद शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस सरकार बनाने के अपने दावे से पीछे नहीं हटी है। मंगलवार को कांग्रेस नेताओं और राकांपा प्रमुख शरद पवार के बीच मुंबई में एक अहम बैठक हुई। दोनों पार्टियों ने सरकार गठन पर कहा कि सभी बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट होने के बाद हम शिवसेना को समर्थन देने पर बात करेंगे। इस बीच, राकांपा ने आज फिर से मुंबई में अपने 54 विधायकों की बैठक बुलाई है।
भाजपा फिर सरकार बनाने की रेस में शामिल हुई
इस बीच, भाजपा ने खुद को फिर सरकार बनाने की रेस से शामिल कर लिया है। भाजपा के राज्यसभा सांसद नारायण राणे ने दावा किया है कि बहुमत के लिए 145 सीटें जुटाकर सरकार बनाई जाएगी। राणे ने कहा, ‘पार्टी राज्य में सरकार बनाने की कोशिश करेगी। इस दिशा में देवेंद्र फडणवीस प्रयास कर रहे हैं। सरकार बनाने के लिए उन्हें जो कुछ करना पड़ेगा उसके लिए तैयार हैं। शिवसेना ने ही हमें साम-दाम दंड भेद सिखाया है।’