खट्टर के खेमे में विधायकों का रेला, बहुमत के लिए 6 चाहिए थे 9 आ गए समर्थन में
नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। हरियाणा में बहुमत के आंकड़ों से दूर दिख रही भारतीय जनता पार्टी को निर्दलीय विधायकों का साथ मिल गया है. बीजेपी को हरियाणा में सिर्फ 40 सीटें मिली थीं और 6 सीटों की दरकार थी. लेकिन शुक्रवार दोपहर तक 9 विधायकों ने बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है, यानी अब मनोहर लाल खट्टर के पास कुल 49 विधायकों का साथ हो गया है. जो कि बहुमत के आंकड़े से काफी ज्यादा है.
गुरुवार देर रात हरियाणा के पांच निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और हरियाणा बीजेपी के प्रभारी और महासचिव अनिल जैन से मुलाकात कर हरियाणा में बीजेपी को समर्थन देने पर मुहर लगा दी. उसके बाद बाकी के विधायक भी बीजेपी के साथ आए और अपना समर्थन देने की चिट्ठी दी. मनोहर खट्टर दिवाली के बाद सीएम पद की शपथ ले सकते हैं.
भाजपा के समर्थन में सबसे पहले गोपाल कांडा आए, बाद में निर्दलीयों ने भी साथ दिया. जो विधायक चुनाव से पहले टिकट ना मिलने के कारण बीजेपी से नाराज़ थे, उन्होंने पार्टी का समर्थन करने की बात कही है. इसके अलावा INLD के अभय चौटाला भी भाजपा के साथ आए हैं.
जिन विधायकों ने जेपी नड्डा और अनिल जैन से मुलाकात की हैं वो हैं:-
1) रणधीर गोलन- पुंडरी
2) बलराज कुंडू- महम
3) रणजीत सिंह- रानियां
4) राकेश दौलताबाद- बादशाहपुर
5) गोपाल कांडा – सिरसा
6) सोमवीर सांगवान- दादरी
7) धर्मपाल गोंदर- नीलोखेड़ी
8) अभय चौटाला – आईएनएलडी
9) नयनपाल रावत – पृथला
गुरुवार दोपहर को नतीजों के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने की जुगत में लग गई थी. बीजेपी को 6 विधायकों की दरकार थी और निर्दलीयों के नंबर कुल सात थे. इनमें से चार तो बीजेपी के ही बागी विधायक थे, ऐसे में 24 घंटे के अंदर भाजपा ने इनका समर्थन अपने नाम कर लिया है.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर शुक्रवार को ही नई दिल्ली रवाना हुए और भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. इस दौरान हरियाणा चुनाव के नतीजों पर चर्चा हुई. हरियाणा भवन में मनोहर खट्टर ने निर्दलीय विधायकों से भी मुलाकात की. उन्होंने यहां कहा कि हरियाणा में बीजेपी ही सरकार बनाने जा रही है.
नहीं बन पाई कांग्रेस की सरकार!
गुरुवार को नतीजों के दौरान जब भाजपा और कांग्रेस में टक्कर चल रही थी, तब एक समय ऐसा भी आया था जब कांग्रेस सरकार बनने की उम्मीद दिख रही थी. कांग्रेस और जेजेपी की बीच सरकार बनाने की बात चल रही थी, जेजेपी ने कांग्रेस को समर्थन देने की बात भी कही थी. लेकिन बदले में मुख्यमंत्री पद मांग लिया था, लेकिन बाद में स्थिति बदल गई. भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे.