November 22, 2024

पीड़िता के घर में लूट भी की थी बाल अपचारियों ने,पूछताछ में हुआ खुलासा,गैंग रैप मामले में पुलिस ने बढ़ाई धाराएं(देखे लाइव विडीओ)

रतलाम,02 अक्टूबर(इ खबर टुडे)। प्रदेश में पहली बार बाल अपराधियों से पुलिस ने न्यायालय की अनुमति पर बाल संप्रेक्षण गृह पहुंचकर 8 घंटे पूछताछ की। शहर के चर्चित गैंगरेप मामले में पूछताछ में नया खुलासा हुआ है कि नाबालिग अपराधियों ने बालिका के घर पर वारदात करने के साथ ही अलमारी से 2 हजार रुपए चुराने की बात भी स्वीकार की है। इसके बाद एक धारा और बढा दी गई है।

एसपी गौरव तिवारी ने बुधवार को दोबत्ती पुलिस कंट्रोल रूम पर पत्रकार वार्ता में बताया कि मामले को जघन्य एवं सनसनीखेज चिन्हित अपराध की श्रेणी में रख लिया गया है। ऐसे अपराध की जांच कलेक्टर, एसपी सहित टीम द्वारा होती है। अगर विवेचना में अपराधियों को सजा नहीं होती तो ऐसे मामले में जांचकर्ता पर कार्रवाई होती है। उन्होंने कहा कि एसआईटी समयसीमा से कम समय में ही रिपोर्ट सौंप देगी। पुलिस को पर्याप्त वैज्ञानिक और अन्य साक्ष्य मिले हैं जिनके आधार पर आरोपियों का अपराध सिद्ध किया जा सकता है। एसपी ने बताया कि बालिका के घर और होटल के कमरे से जब्त किए गए दो दर्जन से भी ज्यादा सामान भी डीएनए जांच और सैम्पल के लिए भेजे गए हैं। मामले में दोनों नाबालिक अपराधी उम्र में भले ही नाबालिग की श्रेणी में आ रहे है, लेकिन दोनों का व्यवहार, प्लानिंग और अपराध को करने का पूरा तरीका शातिर बदमाश जैसा है। इसलिए पुलिस ने उन्हें बालिग मानकर केस की सुनवाई की अपील भी न्यायालय से की है।
इस मामले में अभी तक 7 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

बाल अपराधियों से पहली बार हुई पूछताछ

एसपी ने बताया कि घटना को अंजाम देने वाले दोनों बाल अपचारियों को न्याय बोर्ड के सामने पेश करने के बाद बाल संप्रेक्षण गृह भेजा गया है। बाल अपचारी का पुलिस रिमांड लेने का कोई विधिक प्रावधान नहीं है, लेकिन पुलिस और अभियोजन पक्ष ने न्यायालय के सामने दोनों बाल अपचारी से पूछताछ की अनुमति के आवेदन लगाया। जिसके बाद न्यायालय ने पुलिस को विधि विरुद्ध बालको से दोबारा पूछताछ करने का अवसर एवं वॉइस सैंपल लेने के लिए बाल संप्रेषण गृह से बाहर निकालने की अनुमति दी। मध्यप्रदेश में इस तरह की अनुमति मिलने का यह पहला मामला है। बाल अपचारियों ने घटना के दिन पीड़िता के घर से रुपए चोरी करने की बात भी स्वीकार की है ,जिसकी पृथक से जांच की जा कर दोनों के खिलाफ धारा 380 का इजाफा भी किया जाएगा

गवाहों के बिना भी बोंलेग सबूत….

एसपी ने बताया कि जांच में फारेसिंक, सायबर और लीगल एस्कपर्ट को शामिल किया गया है, ताकि आरोपियों को भौतिक साक्ष्यों के आधार पर कड़ी से कड़ी सजा मिल सकें। भौतिक एवं वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्रित किए हैं ,खासतौर से बाल अपराधों से जब तो मोबाइल की रिकॉर्डिंग,मोबाइल मेमोरी से जप्त फोटो ,सोशल साइट पर इनकी चैटिंग ,ब्लैक मेलिंग, सीडीआर, एनालिसिस से इनकी प्लानिंग एवं सीसीटीवी फुटेज से इनकी मौजूदगी आदि चीजें साबित हुई हैं। घटनास्थल का सूक्ष्मता से जांच करने एवं साक्ष्य संकलित करने में पुलिस एवं फॉरेंसिक एक्सपर्ट ने लगभग 2 दर्जन से अधिक आर्टिकल जप्त किए हैं, जिन्हे डीएनए परीक्षण के लिए स्पेशल प्रयोगशाला भेजा गया है।

अभी भी बढ सकते हैं आरोपी और धारा……..

एसपी के अनुसार सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल, घटना में प्रयुक्त बाइक, कपड़े, बेडशीट सहित अन्य वस्तुएं जब्त की है। प्रकरण की विवेचना धारा 363, 366(ए), 449, 384, 506, 376(2)(एन), 376-डी(ए), 120 बी भादवी की धारा 5(एल)-6, 5 (जी)-6, 17,15(1) लैगिंग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 इसके अलावा 67 बी(बी) आईटी एक्ट के अंतर्गत विवेचना की जा रही है।
अभी भी जांच जारी है। ऐसे में नया तथ्य सामने आने पर आरोपी या धारा बढ सकती हैं।

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