1984 दंगा: मुश्किल में कमलनाथ, उनके खिलाफ मामलों को दोबारा खोलने जा रहा गृह मंत्रालय
नई दिल्ली,09 सितंबर( इ खबर टुडे)। पी. चिदंबरम, डी. के. शिवकुमार जैसे कांग्रेस नेताओं के खिलाफ जांच एजेंसियों के कसते शिकंजे के बीच अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं। पहले से ही मध्य प्रदेश कांग्रेस में अंतर्कलह की चुनौती से जूझ रहे कमलनाथ के लिए एक और बुरी खबर है। गृह मंत्रालय उनके खिलाफ 1984 सिख विरोधी दंगों के मामले को दोबारा खोलने जा रहा है।
कमलनाथ के खिलाफ सिख दंगे का केस दोबारा खुला
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामलों को फिर से खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। शिरोमणि अकाली दल के दिल्ली के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने सोमवार को यह जानकारी दी। बता दें कि 2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद जब कमलनाथ मुख्यमंत्री बने थे, तब भी उनके खिलाफ 1984 सिख विरोधी दंगों के आरोपों का मामला उठा था।
सिरसा ने एक ट्वीट में कहा, ‘अकाली दल के लिए एक बड़ी जीत। 1984 में सिखों के नरसंहार में कमलनाथ के कथित तौर पर शामिल होने के मामलों को SIT ने दोबारा खोला। पिछले साल मैंने गृह मंत्रालय से अनुरोध किया था जिसके बाद मंत्रालय ने कमलनाथ के खिलाफ ताजा सबूतों पर विचार करते हुए केस नंबर 601/84 को दोबारा खोलने का नोटिफिकेशन जारी किया है।’
कांग्रेस के कई बड़े नेताओं पर एजेंसियों का शिकंजा
बता दें कि कांग्रेस के कई बड़े नेताओं पर इन दिनों जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा है। भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के केस में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और कर्नाटक के दिग्गज डी. के. शिवकुमार जेल में हैं। कथित लैंड स्कैम के मामलों में हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से ईडी कई बार पूछताछ कर चुकी है। सीबीआई ने अदालत से सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में शशि थरूर के खिलाफ हत्या या फिर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मुकदमा चलाने की गुजारिश की है। कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी भी जेल में हैं।