November 20, 2024

पाकिस्‍तान को झटका: UNSC ने नहीं दिया ‘भाव’, अमेरिका बोला, ‘कश्‍मीर पर हमारी नीति में बदलाव नहीं’

trumpनई दिल्‍ली,09 अगस्त(इ ख़बर टुडे)। जम्‍मू और कश्‍मीर से भारत सरकार द्वारा अनुच्‍छेद 370 हटाने के बाद पाकिस्‍तान बौखलाया हुआ है. पाकिस्‍तान ने इस मसले पर संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) को एक पत्र लिखा है. लेकिन पाकिस्‍तान को इस मामले में यूएनएससी से झटका मिला है. यूएनएससी ने पाकिस्‍तान के इस पत्र पर अब तक कोई कमेंट नहीं किया है. संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की अध्‍यक्ष जोआना रोनेका ने भारत के इस ऐतिहासिक फैसले को यूएनएससी के प्रस्ताव का उल्लंघन बताने संबंधी पाकिस्‍तान के दावे पर कमेंट करने से इनकार किया है.

इसके साथ ही अमेरिका से भी पाकिस्‍तान को झटका लगा है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने साफतौर पर कहा है कि कश्‍मीर पर अमेरिका की नीति में कोई बदलाव नहीं होगा. अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्‍ता मॉर्गन ओर्टागस ने मीडिया के सवालों को जवाब देते हुए साफ किया कि कश्‍मीर में अमेरिकी नीति में कोई बदलाव नहीं होगा.

उन्‍होंने कहा कि हमारे भारत और पाकिस्‍तान के बीच कई सारे मामले हैं. उन्‍होंने यह भी कहा कि हाल ही में पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री इमरान खान अमेरिका आए. लेकिन व‍ह कश्‍मीर के लिए नहीं आए थे. कश्‍मीर एक ऐसा मुद्दा है जिसे हम काफी नजदीक से देख रहे हैं. लेकिन इसके अलावा भी कई सारे ऐसे मुद्दे हैं, जिनपर हम भारत और पाकिस्‍तान के साथ काफी नजदीक से काम कर रहे हैं.

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्‍ता मॉर्गन ओर्टागस ने कहा कि आने वाले कुछ दिनों में अमेरिकी विदेश मंत्रालय के डिप्‍टी सेक्रेटरी भूटान और भारत का दौरा करेंगे. वह इस दौरान दोनों देशों के साथ अमेरिका के संबंधों और बेहतर बनाने पर बातचीत करेंगे. बता दें कि जम्‍मू-कश्‍मीर से भारत द्वारा अनुच्‍छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्‍तान बौखलाया हुआ है और इस मामले को अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर ले जाने की फिराक में है. भारत इस रुख पर कायम है कि कश्मीर उसका आतंरिक मसला है.

इसी के तहत पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी आज चीन का दौरा करने वाले हैं. वह इस दौरान चीनी नेताओं से मिलेंगे और कश्‍मीर पर भारत के फैसले पर चर्चा करेंगे. कहा जा रहा है कि वह कश्‍मीर मुद्दे पर चीन से मदद मांगने वहां जा रहे हैं.

दरअसल, अदालत ने सुनवाई के दौरान पूछा था कि क्या रामजन्मभूमि भी गंगा की तरह एक इंसान हैं. जिसके जवाब में के. परासरण ने कई ऐतिहासिक और पौराणिक तथ्यों का जिक्र किया था. रामलला के वकील से पहले निर्मोही अखाड़ा भी अपने तर्क अदालत के सामने रख चुका है.

इस मामले की सुनवाई CJI रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ कर रही है. इस पीठ में जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. ए. नजीर भी शामिल हैं.

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