आर्टिकल 370 खत्म: नए हालात में बदल जाएंगी भारत-पाकिस्तान की बातचीत की शर्तें
नई दिल्ली,06 अगस्त(इ ख़बर टुडे)। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म करने के पीएम नरेंद्र मोदी के फैसले ने राजनीतिक और कूटनीतिक मोर्चे पर एकसाथ कई चीजों को बदलकर रख दिया है। अब जब जम्मू-कश्मीर का भारतीय संघ के साथ पूरी तरह से एकीकरण हो गया है ऐसी स्थिति में भारत और पाकिस्तान के बीच भविष्य में होने वाली आधिकारिक बातचीत की शर्तें एकदम बदल जाएंगी। अब भारत की कोई मजबूरी नहीं रहेगी कि कश्मीर को बातचीत की सूची में शामिल किया जाए।
पाकिस्तान से बातचीत में बदल जाएंगी शर्ते
अभी तक पाकिस्तान इस बात पर जोर देता रहा है कि भारत से होने वाली हर बातचीत के केंद्र में कश्मीर रहे। लेकिन सोमवार को भारत सरकार ने जिस तरह से राज्य का पुनर्गठन किया है उसे देखते हुए साफ है कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा।
लद्दाख को मिलेगा जरूरी महत्व
इसके अलावा, लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिलने से भारत इस क्षेत्र को और अधिक रणनीतिक महत्व दे पाएगा। यह क्षेत्र पाकिस्तान के नियंत्रण वाले गिलगित-बालटिस्तान और चीन के नियंत्रण वाले अक्साई चिन से सटा हुआ है। इस लिहाज से यह क्षेत्र भारत की सुरक्षा की दृष्टि से बहुत अहम है।
‘भारत-पाक के संबंधों पर होगा बड़ा असर’
पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन ने पहले भी कहा था कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देकर भारत ने चुपचाप मान लिया कि जम्मू-कश्मीर पर ‘विवाद’ है। लेकिन अब, भारत पाकिस्तान के साथ बातचीत में कश्मीर के मुद्दा को शामिल नहीं करेगा। पूर्व विदेश सचिव का कहना है कि इससे भारत-पाकिस्तान के भविष्य के संबंधों पर व्यापक असर पड़ेगा क्योंकि अब जम्मू-कश्मीर कानूनी रूप से भारत का घरेलू विषय है।
‘पीओके पर अभी भी है भारत का दावा’
सरन कहते हैं, ‘रणनीति बनाते समय भारत ने पाकिस्तान की प्रतिक्रिया को भी ध्यान में रखा होगा। पाक अधिकृत कश्मीर और गिलगित-बालटिस्तान पर हमारा दावा अभी भी है।’ साल 1994 में संसद से पास प्रस्ताव के अनुसार यह भारत के आधिकारिक दावे का हिस्सा भी है। यह अस्पष्ट है कि क्या भारत इस पर चर्चा करना चाहेगा। अभी तक भारत का फोकस पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर रहा है, जबकि पाकिस्तान का जोर कश्मीर पर।