लोकसभा में पास हुआ मोटर वाहन संशोधन विधेयक, गलत ड्राइविंग पर पहले से 30 गुना तक फाइन
नई दिल्ली,24 जुलाई (इ खबरटुडे)। लोकसभा ने मंगलवार को मोटर वाहन (संशोधन) बिल-2019 को मंजूरी दे दी। इसमें रोड सेफ्टी को लेकर बहुत सख्त प्रावधान किए गए हैं। तमाम मामलों में ड्राइविंग के दौरान मामूली गलती पर भी भारी जुर्माना लगेगा। चाहे ड्राइविंग के दौरान ओवरस्पीड का मामला हो, बिना हेल्मेट या बिना बेल्ट या फिर नशे में ड्राइविंग कर रहे हैं तो जुर्माने की रकम कई गुना तक बढ़ाने की तैयारी है।
कुछ मामलों में बाकायदा सजा का प्रावधान तक है। कुछ मामलों में सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने और गाड़ी का रजिस्ट्रेशन रद्द करने तक का प्रावधान रखा है। किसी किशोर के ड्राइविंग दौरान सड़क पर कोई अपराध या हादसा होने पर गाड़ी मालिक या अभिभावक को दोषी माना जाएगा। उस गाड़ी का रजिस्ट्रेशन भी रद्द किया जाएगा।
सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि गाड़ियों की खरीद की स्थिति में उसके रजिस्ट्रेशन का काम डीलर को देने से राज्यों को राजस्व का कोई नुकसान नहीं होगा, क्योंकि राजस्व का पैसा सीधा राज्य सरकारों के खाते में जाएगा। इतना ही नहीं, इस संबंध में राजस्व की दर का निर्धारण भी राज्य अपने हिसाब से कर सकते हैं। बिल में ‘मोटर वाहन दुर्घटना फंड’ के गठन की बात कही गई है, जो भारत में सड़क का इस्तेमाल करने वालों को अनिवार्य बीमा कवर देगा ।
हिट ऐंड रन पर सरकार देगी दो लाख मुआवजा
हिट ऐंड रन के मामले में मृतक के परिजनों को सरकार की ओर से दो लाख रुपये की राहत राशि दी जाएगी। फिलहाल महज 25,000 रुपये का ही प्रावधान है।
सभी रोड यूजर्स का इंश्योरेंस
मोटर वीइकल्स ऐक्सिडेंट फंड बनेगा, जो देश के सभी रोड यूजर्स को इंश्योरेंस कवर प्रदान करेगा। इसके तहत कुछ निश्चित तरह के हादसों को कवर किया जाएगा।
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पर देनदारी की सीमा खत्म
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पर देनदारी की सीमा को समाप्त किया जाएगा। इससे पहले 2016 में तैयार प्रस्ताव में मौत पर 10 लाख और गंभीर घायल पर 5 लाख रुपये का प्रावधान था।
नाबालिग की गलती पर पैरंट्स होंगे जिम्मेदार
यदि किसी नाबालिग के द्वारा ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन होता है तो उसके पैरंट्स को जिम्मेदार माना जाएगा। परिजनों को बचने के लिए यह साबित करना होगा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी या फिर उन्होंने ऐसा करने से रोकने का प्रयास किया था। नाबालिग पर जुवेनाइल जस्टिस ऐक्ट के तहत केस चलेगा। वीइकल्स का रजिस्ट्रेशन भी रद्द हो सकता है।
शराब पीना पड़ेगा भारी, अब 10,000 फाइन
नशे में गाड़ी चलाने पर न्यूनतम जुर्माने को 2,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये तक कर दिया गया है। रैश ड्राइविंग पर फाइन भी 1,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 कर दिया गया है। बिना लाइसेंस के फाइन पर 5,000 रुपये तक का फाइन देना होगा, फिलहाल यह 500 रुपये है।
सीट बेल्ट और ओवर स्पीड पर भी बढ़ा फाइन
बिना सीट बेल्ट पहने चलाने पर 100 रुपये की बजाय 1,000 देना होगा। इसके अलावा तय सीमा से अधिक स्पीड से चलाने पर 400 के स्थान पर 1,000 से 2,000 रुपये तक फाइन देना होगा।
मोबाइल पर बात करने पर 5,000 फाइन
मोबाइल पर बात करते हुए ड्राइविंग करने पर 5,000 रुपये तक फाइन देना होगा। फिलहाल यह महज 1,000 रुपये है।
अब राज्यसभा में जाएगा बिल
बहरहाल, लोकसभा के बाद यह बिल अब राज्यसभा में जाएगा। राज्यसभा से पास होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी लेनी होगी। उसके बाद यह देश में कानून की शक्ल अख्तियार करेगा। सदन ने विपक्ष के संशोधनों को खारिज कर दिया।