November 20, 2024

एफआईआर दर्ज करने में लापरवाही की हद,दुर्घटना कारित करने वाली गाडी का नंबर ही बदल दिया औद्योगिक क्षेत्र पुलिस ने

रतलाम,29 जून (इ खबरटुडे)। एफआईआर दर्ज करने के मामले में पुलिस हद दर्जे की लापरवाही बरतती है। सडक़ दुर्घटना के एक मामले में औद्योगिक क्षेत्र पुलिस ने दुर्घटना कारित करने वाले वाहन को जब्त तो किया,लेकिन एफआईआर में गाडी का नंबर ही बदल दिया। एफआईआर में गाडी का जो नंबर लिखा गया,उस नंबर का कोई वाहन है ही नहीं।
औद्योगिक क्षेत्र पुलिस ने यह कारनामा दिनांक 21 जून को बडबड रोड पर हुई एक वाहन दुर्घटना में किया। 21 जून की रात करीब साढे ग्यारह बजे एक मारुति एस क्रास गाडी के चालक ने तेज गति एवं लापरवाही पूर्वक गाडी चलाते हुए सडक़ पर मौजूद एक गाय को टक्कर मार दी। गाडी की टक्कर से गाय की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। यह दुर्घटना राजेन्द्र नगर निवासी अनिल देवदा के सामने हुई। अनिल देवदा उसी समय मोटर साइकिल से गुजर रहा था। गाय को टक्कर मारने के बाद कारचालक,कार को वहीं छोडकर मौके से फरार हो गया।
इस घटना की रिपोर्ट अनिल देवदा ने औद्योगिक क्षेत्र पुलिस थाने पर पंहुचकर की। अनिल की रिपोर्ट पर पुलिसकर्मी दुर्घटना कारित करने वाली कार को थाने पर लेकर आए और इस कार को थाने पर खडा कर दिया गया। इस कार का नंबर एमपी 43-सीए-4873 है। यह कार अब भी औद्योगिक क्षेत्र पुलिस थाने पर खडी है।
मजेदार बात यह है कि अनिल देवदा की रिपोर्ट पर जब एफआईआर लिखी गई तो एफआईआर लिखने वाले पुलिसकर्मी ने दुर्घटना कारित करने वाली कार का नंबर बदल कर एमपी-43/सीए-4373 कर दिया। एफआईआर में गलत तथ्य दर्ज करने के पीछे क्या कारण रहे यह अब तक स्पष्ट नहीं है। लेकिन अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक एफआईआर में गाडी का गलत नंबर दर्ज करने के पीछे एक पुलिसकर्मी को फायदा पंहुचाने की कोशिश माना जा रहा है।
परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार दुर्घटना कारित करने वाली कार क्र.एमपी-43/सीए-4873 शुभम कालोनी निवासी शिखर सिंह राठौर के नाम पर रजिस्टर्ड है। शिखर सिंह राठौर पुलिस विभाग में ही कार्यरत है। दुर्घटना के समय वाहन कौन चला रहा था,यह अब तक स्पष्ट नहीं हुआ है। पुलिसकर्मी के वाहन से हुई दुर्घटना के बाद जैसे ही थाने के पुलिसकर्मियों को यह बात पता चली,उन्होने एफआईआर में गाडी का नंबर बदल दिया। एफआईआर में जो गाडी नंबर दर्ज किया गया है,परिवहन विभाग के रेकार्ड में उस नंबर की कोई गाडी ही दर्ज नहीं है।
दुर्घटना कारित करने वाली एमपी 43-सीए-4873 अब भी औद्योगिक थाने में ही खडी है,जबकि इस वाहन नंबर के खिलाफ कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं है। एफआईआर दर्ज कराने वाले फरियादी अनिल देवदा ने इ खबरटुडे को बताया कि दुर्घटना के फौरन बाद उन्होने थाने पर जाकर सूचना की थी और उन्ही की सूचना के बाद थाने के पुलिस कर्मी एमपी 43 सीए 4873 को ही घटनास्थल से थाने पर लेकर आए थे। इसके बाद उन्होने एफआईआर में अलग नंबर क्यो लिखा,इसकी वजह वे नहीं जानते। अनिल देवदा ने कहा कि एफआईआर दर्ज कराते समय उन्होने इस बात पर गौर भी नहीं किया था कि वाहन का नंबर अलग लिखा गया है। अगले दिन एफआईआर को ध्यान से देखने पर उन्हे पता चला कि एफआईआर में गाडी का नंबर वो नहीं है,जिससे दुर्घटना हुई थी। एफआईआर में गाडी का नंबर ही बदल दिया गया।
प्रकरन के जांच अधिकारी एसआई प्रमोद राठौर ने इ खबरटुडे से चर्चा में बताया कि एफआईआर में गलती से गाडी का गलत नंबर दर्ज हो गया है,लेकिन दुर्घटना कारित करने वाली गाडी थाने पर ही है। हो सकता है कि फरियादी द्वारा गलत नंबर लिखवाए जाने से यह गलती हुई हो। एसआई राठौर ने कहा कि इस गलती को ठीक किया जाएगा और उसी गाडी को जब्ती में लिया जाएगा,जिससे दुर्घटना हुई है। अब तक इस मामले में कोई गिरफतारी भी नहीं की गई है। पहले गाडी नंबर की गलती को दुरुस्त किया जाएगा और उसके बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।

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