सुप्रीम कोर्ट ने सभी वीवीपैट पर्चियों की जांच करने की मांग वाली याचिका खारिज की
नई दिल्ली,21 मई (इ खबरटुडे)। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सभी वीवीपैट पर्चियों की जांच की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने याचिका को बकवास बताते हुए कहा कि हम ऐसी याचिकाओं को बार-बार समय नहीं दे सकते। लोग अपने प्रतिनिधियों को चुन रहे हैं और हम इसके बीच में नहीं आ सकते।
बता दें चेन्नई के टेक फॉर ऑल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि तकनीकी तौर पर वीवीपैट से जुडी़ ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) ठीक नहीं हैं। याचिकाकर्ता ने ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी का हवाला देते हुए कोर्ट से सभी ईवीएम का वीवीपैट से मिलान करने की मांग की थी।
इससे पहले सात मई को सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों के मिलान वाली विपक्ष की याचिका खारिज कर दी है। इसके लिए कुल 21 विपक्षी दलों ने याचिका दायर की थी। ये दल चाहते थे कि चुनाव आयोग 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों के ईवीएम से मिलान का आदेश दे।
कोर्ट के फैसले के बाद याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि 21 दलों में पूर्व और आज के मुख्यमंत्री शामिल थे। हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। हमारी मांग की वजह से एक की बजाय पांच बूथ पर वीवीपैट मिलान की बात स्वीकारी गई है।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें इस मामले में दखलअंदाजी नहीं करनी है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई का कहना है कि एक ही मामले को बार-बार क्यों सुनें?