आधार कार्ड की वजह से हारे थे झाबुआ उपचुनाव: भाजपा प्रत्याशी डामोर
रतलाम,17 अप्रैल (इ खबर टुडे)। लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित होने के साथ ही झाबुआ विधायक गुमानसिंह डामोर ने रतलाम से अपने चुनावी दौरों की शुरूआत की है। बुधवार को वे रतलाम आए और पार्टी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों से मिले।
डामोर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि रतलाम में कांग्रेस द्वारा भ्रम फैलाया जा रहा है कि यूपीए सरकार ने मेडिकल कॉलेज के लिए रूपए दिए, हकीगत यह है कि यदि रतलाम शहर विधायक चैतन्य काश्यप राज्य योजना आयोग उपाध्यक्ष न बने होते तो रतलाम को मेडिकल कॉलेज की सौगात नहीं मिल पाती।
डामोर ने कहा कि चैतन्य काश्यप की मेहनत के कारण ही रतलाम को यह सौगात मिली है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि क्षेत्र के वर्तमान सांसद कांतिलाल भूरिया रतलाम, झाबुआ और अलीराजपुर तीनों ही जिलों को एक भी बड़ी सौगात नहीं दिला सके है। झाबुआ में तो यदि किसी के दांत में भी दर्द होता है तो उसे इलाज के लिए गुजरात जाना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि आदिवासी व्यक्ति स्वभाव से बहुत सरल होता है, उसे कांग्रेस अब तक सपने ही दिखाती रही है। डामोर ने कहा कि कांतिलाल भूरिया यदि क्षेत्र के विकास के लिए प्रयत्नशील होते तो आदिवासी अंचल के लिए स्वीकृत मेडिकल कॉलेज खंडवा नहीं जाता। झाबुआ में इंजीनियरिंग कॉलेज खुल चुका होता, वे कृषि मंत्री रहते हुए भी अपने क्षेत्र के लिए कृषि विज्ञान कॉलेज नहीं ला सके।
डामोर ने कहा कि रतलाम में भी व्यापार एवं उद्योग की असीम संभावनाएं है। पिछले 5 साल में यहां जो विकासकार्य विधायक चैतन्य काश्यप और शिवराज सिंह चौहान की सरकार के माध्यम से हुए है, उन्हें चौगुनी गति देना है। उन्होंने कहा कि मैं शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वरोजगार के मुद्दो पर चुनाव लड़ रहा हूं और जीत के बाद इन्हीं मुद्दो पर ज्यादा फोकस होगा।
डामोर ने कहा कि मैं क्षेत्र की जनता को विश्वास दिलाता हूं कि जिन कार्यो की यहां आवश्यकता रह गई है, वे सभी पूरे होंगे। दिलीप सिंह भूरिया की मृत्यु के पश्चात हुए उपचुनाव में भाजपा की हार पर कहा कि उस चुनाव में आधार की वजह से आदिवासियों को राशन नहीं मिल पाता था जिस से चिढ़कर उन्होंने फिर विरोध में वोट दिया और भाजपा हार गई। लेकिन इस बार मैं हंड्रेड परसेंट लोकसभा चुनाव जीत लूंगा।