गर्मियों की शुरुआत और शहर में जलसंकट से त्राहि त्राहि,धोलावाड में टर्बाइन खराबी से कई इलाकों में नहीं हुआ जलप्रदाय
रतलाम,28 मार्च (इ खबरटुडे)। जलसंकट की वजह से कई दशकों से बदनाम रहे रतलाम की किस्मत में अब भी जलसंकट झेलना ही लिखा हुआ है। धोलावाड परियोजना के दो चरण पूरे हो जाने के बाद भी नागरिक जलसंकट झेलने के लिए अभिशप्त है। गुरुवार को धोलावाड बान्ध की एक टर्बाइन खराब हो जाने से कई इलाकों में जलप्रदाय बाधित हुआ। समस्या को सुलझने में अभी एक से डेढ सप्ताह और लगने की आशंका है।
शहर के जिन ईलाकों में आज जलप्रदाय किया जाना था,वहां जलप्रदाय के समय लाउड स्पीकर से यह मुनादी करवा दी गई कि जल प्रदाय शाम को पांच से नौ के बीच किया जाएगा। पानी की आस में नलों पर टकटकी लगाए बैठे लोगों के लिए यह सन्देश बुरी खबर की तरह था। नगर निगम द्वारा वैसे ही एक दिन छोडकर जल प्रदाय किया जाता है। एक दिन छोडकर होने वाले जल प्रदाय में इतना पानी नहीं मिलता कि वह तीन दिनों तक चल जाए। जल प्रदाय नहीं होने से अनेक घरों की व्यवस्थाएं बुरी तरह गडबडा गई। लोगों को नहाने धोने तक की समस्या खडी हो गई।
जल प्रदाय व्यवस्था पिछले कई दिनों से गडबडाई हुई है। नगर निगम के पास हर रोज एक नया बहाना होता है। कभी बिजली की आपूर्ति बाधित होने से जलप्रदाय गडबडाता है,तो कभी पाइप लाइन के फूट जाने से जल प्रदाय नहीं हो पाता है। कभी पंप खराब हो जाता है तो कभी और कोई वजह खडी हो जाती है। कुल मिलाकर जलसंकट के लिए अभिशप्त शहर को राहत नहीं मिल पाती।
हांलाकि नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि स्थिति को जल्दी ही सुधार लिया जाएगा। नगर निगम में जलप्रदाय के प्रभारी कार्यपालन अभियन्ता एसपी आचार्य ने बताया कि धोलावाड बान्ध पर जलप्रदाय के लिए दो टर्बाइन है,लेकिन जलाशय में जलस्तर कम हो जाने से एक टर्बाइन ने काम करना बन्द कर दिया है। यही वजह है कि जलप्रदाय समय पर नहीं किया जा सका। श्री आचार्य के मुताबिक टर्बाइन को ठीक करने का काम अगले सप्ताह में हो जाएगा। इसके बाद जलप्रदाय व्यवस्था सुचारु रुप से चलने लगेगी। साफ है कि अभी कम से कम डेढ सप्ताह तक तो शहर को जलसंकट झेलना ही पडेगा।
अभी ये हाल,आगे ना जाने क्या होगा?
अभी गर्मियां बस शुरु हुई है और शहर में जलसंकट दस्तक देने लगा है। गर्मी बढने पर धोलावाड जलाशय में जलस्तर और घट जाएगा। तब शहर की जल व्यवस्था का क्या होगा…? एक दिन छोडकर किए जा रहे जलप्रदाय में पहले ही पर्याप्त जलापूर्ति नहीं की जा रही है। जलस्तर घटने के बाद यह तय है कि जलसंकट का विकराल रुप देखने को मिलेगा। पानी को लेकर गली मोहल्लों और सडक़ों पर आन्दोलन देखने को मिलेंगे।