रिपोर्ट पर बवाल, बीजेपी का आरोप: तख्तापलट की खबर कांग्रेस के चार मंत्रियों ने कराई थी प्लांट
नई दिल्ली, 06 फरवरी(इ खबरटुडे)। यूपीए-2 सरकार के कार्यकाल के दौरान 2012 में सैन्य तख्तापलट की उड़ी खबरों को लेकर बीजेपी ने एक अखबार की रिपोर्ट के हवाले से कांग्रेस पर हमला बोला है। बीजेपी ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सेना के खिलाफ तख्तापलट की गलत खबर छपवाकर उसे बदनाम किया गया। दिल्ली में बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मनमोहन सरकार के चार मंत्री इस साजिश में शामिल थे। बीजेपी ने इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से जवाब मांगने के साथ ही संसदीय कमिटी से इस मामले की जांच की मांग की है।
बीजेपी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी के शासनकाल में न केवल भ्रष्टाचार हुआ, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ भी किया गया। बीजेपी ने आरोप लगाया कि यूपीए-2 के शासनकाल में भारतीय सेना के खिलाफ साजिश रची गई थी। बता दें कि जनवरी 2012 में एक न्यूजपेपर में सेना द्वारा कथित तख्तापलट की खबर प्रकाशित हुई थी। इस खबर के बाद देशभर में काफी बवाल मचा था।
दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में पार्टी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, ‘यूपीए के शासनकाल में कांग्रेस के सीनियर नेताओं ने भारतीय सेना के खिलाफ खबरें प्लांट करवाई थीं। मनमोहन सरकार के चार मंत्रियों ने देश की आर्मी के खिलाफ गलत खबरें छपवाने की साजिश रची और तख्तापलट की झूठी खबर न्यूजपेपर में छपवाकर सेना का अपमान किया गया। यह देश से गद्दारी थी।’
बता दें कि ‘द संडे गार्डियन’ की रिपोर्ट के अनुसार, सेना की कथित तख्तापलट की खबरों पर तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह ने आईबी के अधिकारियों को बुलाकर इस खबर के बारे में जानकारी मांगी थी। आईबी के अधिकारियों ने तत्कालीन पीएम को बताया कि ऐसा कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। इस मामले में शामिल रहे एक अधिकारी ने संडे गार्डियन को बताया कि आईबी ने साफ किया कि तख्तापलट की कोई कोशिश नहीं हो रही है। कहीं भी कोई आर्मी चीफ बिना टॉप अधिकारियों के समर्थन के बिना तख्तापलट की नहीं सोच सकता है।
‘द संडे गार्डियन’ में छपी खबर में एक अन्य अधिकारी के हवाले से दावा किया गया है…’किसी तख्तापलट की कोशिश नहीं की गई थी। सैन्य टुकड़ी के मूवमेंट को तख्तापलट का नाम देने की कोशिश की गई थी, जो कि सैन्य अभ्यास का हिस्सा था। हमने पीएम को साफ-साफ कहा कि तख्तापलट नहीं होने जा रहा है। लेकिन यह सच था कि पीएम दबाव में आ गए थे। यूपीए सरकार के खिलाफ माहौल को देखते हुए उन्हें लगा था कि उनकी सरकार को बेदखल किया जा सकता है। बाद में हमें पता चला कि मनमोहन कैबिनेट के चार वरिष्ठ मंत्रियों ने मीडिया को सैन्य तख्तापलट की उड़ती खबरों के बारे में जानकारी दी थी, जो कभी हुई ही नहीं थी।’
नरसिम्हा ने कहा, ‘कांग्रेस ने तख्तापलट की साजिश की खबरें प्लांट करवाई। भारत की सेना को जलील करने का षडयंत्र रचा गया। आईबी ने मनमोहन सिंह को बताया कि यह कोरी कल्पना है।’
नरसिम्हा ने कहा कि वह रक्षा मामलों की संसदीय कमिटी के सदस्य भी हैं और उन्होंने इस मामले में कमिटी के अध्यक्ष कलराज मिश्रा से इसकी तुरंत बैठक बुलाने की मांग की है। उन्होंने कहा, ‘मैंने स्टैंडिंग कमिटी के अध्यक्ष से इसकी बैठक बुलाने की मांग की है। ताकि जांच की जा सके कि इस तरह की खबरों में कौन शामिल था, उसका मकसद क्या था। सेना के अधिकारियों को इस जांच में शामिल कर मकसद का पर्दाफाश करवाया जाए।’
बता दें कि मार्च 2010 से मई 2012 तक जनरल वीके सिंह भारतीय सेना के चीफ थे। सिंह पर ही मनमोहन सिंह सरकार के खिलाफ तख्तापलट करने की कोशिश का आरोप लगा था।
बीजेपी ने पूछे चार सवाल
-तख्तापलट की गलत स्टोरी के पीछे का मकसद क्या था?
-कौन इस तरह की अफवाह फैला रहा था, कौन-कौन मंत्री इसमें शामिल थे?
-कहीं इस तरह की खबरों के पीछे गांधी परिवार खास तौर पर राहुल गांधी का हाथ तो नहीं था?
-क्या भारतीय सेना को बदनाम करने के लिए आईएसआई या पाकिस्तानी आर्मी ने तो ऐसा नहीं किया? क्या किसी के कहने पर भारत की सेना को पाकिस्तान ने बदनाम तो नहीं किया?