युवा लेखन में असीम संभावनाएं – कथाकार शशांक
युवा रचनाकार आशीष दशोत्तर को नवसाक्षर साहित्य सम्मान
भोपाल,18 जनवरी(इ खबरटुडे)। वर्तमान समय सूचना और तकनीकी क्रांति का समय है। चीजें बहुत तेजी से बदल रही हैं। शहरी और ग्रामीण गरीब महिला और पुरुष असाक्षरता के बावजूद मोबाइल और अन्य तकनीकी चीजों का बेहतर इस्तेमाल करने लगे हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से उन तक बहुत सारी सूचनाएं लगातार पहुंच रही हैं। ऐसे में साक्षरता की जरूरत और अधिक बढ़ती जा रही है। तेजी से बदलते इस परिवेश में नवसाक्षर साहित्य लेखन की नवीन संभावनाओं के लिये भी व्यापक फलक तैयार हुआ है।
नवसाक्षर साहित्य लेखन के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। रचनाकारों को लोगों की रुचि और जरूरतों को रेखांकित करते हुए नवसाक्षर साहित्य की रचना करनी होगी। नवसाक्षरों के लिये सरल, सहज एवं सरस भाषा में नवसाक्षर साहित्य की रचना करना होगी। सरल लिखना कठिन कार्य है। उक्त उद्गार वरिष्ठ कथाकार एवं दूरदर्शन के पूर्व अपर महानिदेशक श्री शशांक ने नेशनल बुक ट्रस्ट इण्डिया नई दिल्ली एवं राज्य संसाधन केन्द्र भोपाल द्वारा दुष्यंत संग्रहालय भोपाल में आयोजित समारोह में युवा रचनाकार आशीष दशोत्तर को साहित्य सम्मान प्रदान करते हुए व्यक्त किए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि म.प्र. हिन्दी साहित्य सम्मलेन के अध्यक्ष श्री पलाश सुरजन ने कहा कि नवसाक्षरों के लिये छोटी-छोटी रचनाएं तैयार करना सही मायने में एक बड़ा काम है। इसके लिये अलग तरह के दृष्टिकोण व रचनाशिल्प की जरूरत होती है। नेशनल बुक ट्रस्ट इण्डिया, नई दिल्ली के सहायक संपादक डॉ. ललित मण्डोरा ने रचनाकारों को संबोधित करते हुए कहा कि एन.बी.टी. एवं एसआरसी दोनों का साझा प्रयास रहता है कि ज्यादा से ज्यादा नये रचनाकार नवसाक्षर साहित्य लेखन के क्षेत्र में आगे आयें क्योंकि इस क्षेत्र में अनवरत लेखन की जरूरत बनी रहती हैं। समकालीन हिन्दी साहित्य के प्रमुख हस्ताक्षर कवि श्री राग तेलंग ने कहा कि सभी नवसाक्षर पुस्तकों में विविध विषयों को कथा या किस्सों के माध्यम से प्रभावी बनाते हुए प्रस्तुत किया गया है। राज्य संसाधन केन्द्र के प्रभारी निदेशक श्री संजय सिंह राठौर ने कहा कि नवसाक्षर साहित्य के लिये राष्ट्रीय स्तर से लेकर ग्रामीण अंचलों के रचनाकारों को जोड़ने के विनम्र प्रयास केन्द्र द्वारा अनवरत किये जा रहे हैं। इस क्षेत्र के रचनाकारों को और अधिक प्रोत्साहित करने के लिये केन्द्र द्वारा नवसाक्षर साहित्य सम्मान एवं साक्षरता मित्र सम्मान प्रारंभ किये गये हैं। देश में यह अपने तरह की एक अभिनव पहल है।
पुस्तक का विमोचन भी हुआ
इस अवसर पर नेशनल बुक ट्रस्ट इण्डिया, नई दिल्ली एवं राज्य संसाधन केन्द्र, भोपाल द्वारा पचमढ़ी में आयोजित नवसाक्षर साहित्य लेखन की राष्ट्रीय कार्यशाला में लिखी गई पुस्तकों में से चयनित 20 रचनाकारों की पुस्तकों, जिनका प्रकाशन नेशनल बुक ट्रस्ट इण्डिया द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर किया गया है, इन्ही 20 पुस्तकों का विमोचन समारोहपूर्वक अतिथियों द्वारा किया गया। इनमें आशीष दशोत्तर की पुस्तक ‘‘नाम वाले चाचा‘‘ के साथ ही भोपाल के संजय सिंह राठौर की ’’जानकी’’ श्री राजुरकर राज की ’’सुमन की जीत’’ श्री संदीप श्रीवास्तव की ’’बकरी का बच्चा’’ पुस्तकें शामिल हैं। इनके साथ ही किरण (अनुराग वाजपेयी, जयपुर) सुबह का इंतजार, (पंकज भार्गव, देहरादून), हम सब एक हैं (फारूख आफरीदी, जयपुर), गांव का बेटा (राकेश चक्र, नई दिल्ली), मत रो सुखिया (राकेश पांडेय, नई दिल्ली), मोबाइल देवता (प्रेम जनमेजय, नई दिल्ली), कैसे करें जैविक खेती (लायक राम मानव, लखनऊ), बालक की सीख (सुदर्शन वशिष्ट, शिमला), झिलमिल (निशात फातमा, पटना), रेवा की वापसी (सीमा व्यास, इन्दौर), फिर मुस्काई नीतू (सुषमा दुबे, इन्दौर), कांकेर के गांधी (परदेशी राम वर्मा, दुर्ग भिलाई), गुटखाराम (गिरीश पंकज, रायपुर), भूत आदमी (लियाकत खोखर साहिल, कानपुर), राजा के दो सींग (ऋषि मोहन श्रीवास्तव, ग्वालियर), दीनू से दीनानाथ (राजेश साहू, पिपरिया) आदि पुस्तकें भी विमोचित की गईं। इस अवसर पर श्री बृजेश खरे द्वारा मोबाइल का देवता एवं श्री अनिल प्रकाश श्रीवास्तव द्वारा हम सब एक हैं पुस्तक का पाठ किया गया। लेखकों की ओर से श्रीमती सीमा व्यास एवं श्री राजुरकर राज ने भी अपने अनुभव साझा किये।इस अवसर पर समस्त अतिथियों को केन्द्र द्वारा साक्षरता मित्र सम्मान से सम्मानित किया गया। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम का सफल संचालन युवा रचनाकार आशीष दशोत्तर ने किया। आभार राज्य संसाधन केन्द्र भोपाल के कार्यक्रम समन्वयक इम्तेयाज खान द्वारा व्यक्त किया गया।