उप्र में मारे गए कांस्टेबल के बेटे ने सरकार पर उठाए सवाल, कहा पुलिस खुद सुरक्षित नहीं
गाजीपुर,30दिसम्बर (इ खबरटुडे)। उप्र के गाजीपुर में आरक्षण की मांग करने वाली भीड़ ने शनिवार को हेड कांस्टेबल को पीटकर मार डाला। वह निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए सड़क जाम को हटवाने गए थे। हेड कांस्टेबल का नाम सुरेश प्रताप वत्स (48) है जो जिले के करीमुद्दीनपुर थाने में तैनात थे। इसके अलावा दो अन्य लोग घायल हुए हैं।
हाल ही में बुलंदशहर में हुई हिंसा में एक इंस्पेक्टर की मौत के बाद सूबे में इस तरह की दूसरी घटना है। इस घटना के बाद कानून व्यवस्था को लेकर फिर से बड़े सवाल खड़े हो गए हैं। इस मामले में पुलिस ने देर रात तक विभिन्न थानों में दो सौ से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
वहीं, मृतक कॉन्सटेबल के बेटे वीपी सिंह ने कहा कि पुलिस खुद अपनी ही सुरक्षा करने में समर्थ नहीं है। हम उनसे क्या उम्मीद कर सकते हैं? अब हम मुआवजे का क्या करेंगे? इससे पहले बुलंदशहर और प्रतापगढ़ में भी इसी तरह के मामले सामने आ चुके हैं।
वहीं, इस मामले में गाजीपुर के सीओ सिटी एमपी पाठक ने कहा कि 32 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई गई है। एफआईआर में 90 अज्ञात लोगों को भी शामिल किया गया है। मामले में कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है।
घटना के बाद डीएम व एसपी मौके पर पहुंचे, तो आरोपित भाग निकले। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हेड कांस्टेबल की हत्या पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने हेड कांस्टेबल की पत्नी को 40 लाख रुपए और उनके माता-पिता को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की है।
साथ ही, पत्नी को असाधारण पेंशन और परिवार के एक सदस्य को मृतक आश्रित के तौर पर सरकारी नौकरी देने की घोषणा भी की है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को घटना के दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई का निर्देश दिया है।